फ़साने लिखें, जवाब ना आए।
अनदेखा-अनसुना किया जाए।
ऐसी बेरुख़ी की क्या शिकायतें?
सुकून है तब, संभल कर निकल जायें
जब क़रीब से कमजोर- बिखरती इमारतों के।
तब समझो ज़िंदगी जीना आ गया।

TopicByYourQuote
फ़साने लिखें, जवाब ना आए।
अनदेखा-अनसुना किया जाए।
ऐसी बेरुख़ी की क्या शिकायतें?
सुकून है तब, संभल कर निकल जायें
जब क़रीब से कमजोर- बिखरती इमारतों के।
तब समझो ज़िंदगी जीना आ गया।

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वह है हर जगह,
फिर भी जाते हैं मंदिरों में
ताकि उसे महसूस कर सकें।
वह है हमारे अंदर,
फिर भी जपते हैं मंत्र
ताकि उसे हर वक्त याद रख सकें।
कितनी गहरी है ये सीखें।
अफ़सोस ग़लतियाँ करने समय
लोग अक्सर भूल जातें है।
सारी कायनात है उसकी,
कि वह हर वक्त देख रहा है हमें।
Psychological Fact – The process of being watched affects our performance positively. (Hawthorne effect)

दुनिया सागर है ऊर्जा और तरंगो का। सृष्टि शुरू हुई कम्पन और तरंगों से। हम सब भी सूक्ष्म तरंगें हैं। जिस घड़ी, जिस पल, जिस दिन, ब्रह्मांड और हमारे कंपन….. फ़्रीक्वेंसी का योग हो जाएगा, हम एकसार हो जाएँगे और ब्रह्मांड के अनमोल राज़ों से रूबरू होने लगेंगे। हमारी तरंगे हैं हमारे विचार, हमारे भाव – सकारात्मक या नकारात्मक। प्रेम भर देगा प्रेममय ऊर्जा, नफ़रत भर देगा नकारात्मकता। ग़र बदल लिया दिल, दिमाग़ रूह की सोंच, ब्रह्मांड के मधुर गीत के साथ एकलय हो जाएँगें।
All things in our universe are constantly in motion, vibrating. Even objects that appear to be stationary are in fact vibrating, oscillating, resonating, at various frequencies.
HAPPY YOGA DAY!!

* On International Day for the Elimination of Sexual Violence in Conflict – crimes against women
* On Father’s Day


एकांत में रम कर समझ आता है,
किसे प्यार है, किसे कहते है ज़रूरत।
एकांत परिचय करता है अपने आप से।
यह पहचान कराता है –
सच्चे अपनों और तथाकथित अपनों से।
ख़ुशियों भरा बदलाव लाता है बाहर से।
धीरे-धीरे अंदर भी बहुत कुछ बदलने लगता है।
मनोवैज्ञानिक तथ्य – जब आप खुद के साथ
ज्यादा समय अकेले बिताने लगते हैं तब आप
अपने साथ-साथ दूसरे की मनःस्थिति बड़ी
आसानी से समझने लगते हैं ।

दूर थे बादल और कहीं ना था साया।
बस था तपते सूरज का साथ।,
कहा सूरज ने – ग़लत छोड़ आगे नहीं बढ़ोगे,
तो सही साथ पाओगे कैसे?
जहाँ मोल ना हो, वहाँ से जाओगे नहीं,
तब अपना मोल जान पाओगे कैसे?
सोना मिट्टी में दबा, मिट्टी के मोल रहता हैं।
मिट्टी का साथ छोड़ सोना और हीरा
अनमोल हो जाता है।
Psychological fact – knowing own
self-worth is healing and life changing.
Self-worth is the core of our selves.

कुछ से दूरी है ज़रूरी,
अपने आप से इश्क़ करने के लिए।
ये तहज़ीब सिखाते है,
ख़ामियों के परे ज़िंदगी देखने की।

कविताएँ है शब्द और भाव।
पहुँचती है दिलों तक तब,
जब कुछ अधूरी ख्वाहिशें कुछ बिखरी,
ज़िंदगी देखी हो आपने भी।
इनका लुत्फ़ मिलेगा तब,
जब कुछ अधुरे अरमान जाग रहे हों,
दिलों की गहराई में।
जहाँ छु सके इन्हें सिर्फ़ शब्दों की गहराइयाँ।
इनसे गुफ़्तगू हो, जुड़ाव महसूस हो।
कुछ अपना सा,
अपनी ज़िंदगी का हिस्सा सा लगे।
वरना तो कविताएँ शब्दों का बुना जाल है।


यह तो वक़्त वक़्त की बात है।
टिकना हमारी फ़ितरत नहीं।
हम तो बहाव ही ज़िंदगी की।
ना तुम एक से रहते हो ना हम।
परिवर्तन तो संसार का नियम है।
पढ़ लो दरिया में
बहते पानी की तहरीरों को।
बात बस इतनी है –
बुरे वक़्त और दर्द में लगता है
युग बीत रहे और
एहसास-ए-वक़्त नहीं रहता
सुख में और इश्क़ में।
ग़र कोई मन बना लें, ग़लत ठहराने का।
दावा करना छोड़
बढ़ जाओ मंज़िल की ओर।
कभी ये ग़लत कभी वो ग़लत
कभी सब ग़लत मानने वाले
ग़लत-फ़हमियों के बाज़ार सजाते हैं।
फ़ासले बढ़ाते है।
ख़ुद वे ग़लत हो सकते हैं,
यह कभी मान नहीं पाते हैं।

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