ग़र जीवन का अर्थ खोजना है!

खोने का डर क्यों? साथ क्या लाए थे।

क्या कभी बिना डरे जीने कोशिश की?

तब तो फ़र्क़ समझ आएगा।

इस जहाँ में आए, सब यहाँ पाए।

सब यही छोड़ जायें।

यही कहती है ज़िंदगी।

ग़र जीवन का अर्थ खोजना है।

एक बार ज़िंदगी की बातें मान

कर देखने में हर्ज हीं क्या है?

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4 thoughts on “ग़र जीवन का अर्थ खोजना है!

  1. खुद का डर और डर है
    हर इंसान
    चौकीदार
    ताकि हम नम्रता से
    वास्तविकता
    आत्मा और संसार
    हमारे भीतर जीवन
    हमारे आसपास
    आज्ञा पालन
    जीवन चुप है
    अगर हम नहीं
    हमारी भाषा के साथ
    एक समझ में आओ
    काम पर बेहतरी के लिए
    हर दिन कार्रवाई के लिए हाथ उधार दें

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