विचलित नहीं होना मन मेरे

विचलित नहीं होना मन मेरे, देख कफ़न का सफ़ेद नूर।

यह तो है राह-ए-सुकून, दुनिया के दुःख-दर्द से दूर।

होते हैं कई बदकिस्मत बे-कफ़न

होते है कुछ जीते-जी मद में चूर।

भूल जाते है ज़िंदगी है रूहानियत,

समझदारी है, नही रखने में ग़ुरूर।

कफ़न में जेब नहीं होती, यह है मशहूर।

कर्मों की वसीयत होती है रूह पर ज़रूर।

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