फ़ुर्सत मिल जाए तो

Topic by Your Quote.

फ़ुर्सत मिल जाए तो

दो बातें हम से भी कर लेना।

एक बात तुमसे कहनी थी-

ना ख़ूबसूरती रहती है,

ना जुनून

जब दो एक हो जाते हैं।

बस रह जाता है इश्क़।

एक जंग अपनों से…

ये ज़िंदगी की धुआँ धुआँ हैं आहें।

दुरूह धोखे औ गर्द भरी राहें।

मसला तो यह है कि अपने हीं

मसलते हैं अपनों के दिलों को।

इतिहास भी देता है गवाहियाँ।

लाख कोशिशों के बाद कृष्ण भी हारे।

चाहे रिश्ते लाख निबाहें,

बदली हो जब अपनों की निगाहें।

एक जंग अपनों से…

रोक नहीं सके सारे।

TopicByYourQuote

रेत हो या वक्त

ना समझो इसे मौन,

खोज़ रहें है, हम हैं कौन?

कर रहे हैं अपने आप से गुफ़्तगू।

हमें है खोज़ अपनी, अपनी है जुस्तजू ।

इश्क़ अपने आप से, अपने हैं हमसफ़र।

छोटी सी ज़िंदगी, छोटी सी रहगुज़र।

रेत हो या वक्त ,

फिसल जाएगा मुट्ठी से कब।

लगेगा नहीं कुछ खबर।