हम थे ख़फ़ा ख़फ़ा उन से।
और बेरुख़ी से वो चल दिए,
वहाँ जहाँ हम मना ना सके।
वफ़ा-जफ़ा, वफ़ाई-बेवफ़ाई,
के ग़ज़ब हैं अफ़साने।
ग़ज़ब हैं फ़साने।
हमें ऐतबार हीं नहीं रहा ज़माने पर।
हम थे ख़फ़ा ख़फ़ा उन से।
और बेरुख़ी से वो चल दिए,
वहाँ जहाँ हम मना ना सके।
वफ़ा-जफ़ा, वफ़ाई-बेवफ़ाई,
के ग़ज़ब हैं अफ़साने।
ग़ज़ब हैं फ़साने।
हमें ऐतबार हीं नहीं रहा ज़माने पर।