आना-जाना जीवन
का दस्तूर है।
ग़म ना कर।
मौसम, साल, महीने, दिन…
लोग बदलते रहतें हैं।
रोज़ बदलती दुनिया
में अपने बने रहें।
जिनसे दुख-सुख कह ले,
कभी हँस ले,
कभी रो ले,
यह अपनापा बना रहे।
Happy 31 st December!!!
आना-जाना जीवन
का दस्तूर है।
ग़म ना कर।
मौसम, साल, महीने, दिन…
लोग बदलते रहतें हैं।
रोज़ बदलती दुनिया
में अपने बने रहें।
जिनसे दुख-सुख कह ले,
कभी हँस ले,
कभी रो ले,
यह अपनापा बना रहे।
Happy 31 st December!!!
Yes everything is changing daily but we need to remain our own. Well shared 🙂😊💕
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True, thank you Priti. Happy new year!
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You are welcome 💓🙏stay blessed.
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Wish you all the same!
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कम्यूट
भीतर की दुनिया के बीच
और बाहरी दुनिया
दो भाग वाला घर
वो आत्मा
एक सपने में सुनना
क्या
वो आत्मा
तुमसे कहता है
बेहतर प्रयास करें
सोने के दौरान
ड्रामा में
सपने का
और हर दिन
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🙏🙏
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Thanks
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Khud se keh le, gham ko khudke,
Khud ko Yaar bana le.
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