तेरे जाने के बाद,
कई बार तेरी ख़ुशबू से
गुफ़्तुगू की है।
ख़्वाबों में आ कर
कई बार जगाया तुमने।
पर यह मिलना भी
कोई मिलना है?
तेरे जाने के बाद,
कई बार तेरी ख़ुशबू से
गुफ़्तुगू की है।
ख़्वाबों में आ कर
कई बार जगाया तुमने।
पर यह मिलना भी
कोई मिलना है?
हर दिल में कितने
ज़ख़्म होते हैं….
ना दिखने वाले।
कुछ चोट, समय के
मरहम से भर जातें हैं।
कुछ रिसने वाले
नासूर बन, रूहों तक
उतर जातें हैं।
धीरे-धीरे ज़िंदगी
सिखा देती है,
दिल में राज़ औ लबों
पर मुस्कुराहट रखना।