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Day: December 10, 2021
मुकम्मल जहाँ
वह मुकम्मल जहाँ नहीं,
किसी के लिए।
जहाँ हँसी से ज़्यादा
आँसू हों।
खिलखिलाहटों से ज़्यादा
दर्द हो।
सुकून से ज़्यादा
ठोकरें हो।