मंज़िल
यक़ीं करो अपने आप पर।
और नज़र रखो मंज़िल पर।
इस दुनिया में इतना
है टोका-टोकी।
ग़र लोगों की बातें
सुनते रहे,
मंज़िल तक नहीं
पहुँच पाएँगे कभी।
मंज़िल
यक़ीं करो अपने आप पर।
और नज़र रखो मंज़िल पर।
इस दुनिया में इतना
है टोका-टोकी।
ग़र लोगों की बातें
सुनते रहे,
मंज़िल तक नहीं
पहुँच पाएँगे कभी।