क्यों हर रास्ता

क्यों हर रास्ते चलते जातें हैं,

ज़िन्दगी की बहाव की तरह?

क्यों रास्तों के पेच-ओ-ख़म,

राहों की सख़्तियाँ ख़त्म होतीं नहीं है,

ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव की तरह?

मालूम नहीं हर रहगुज़र मंज़िल का पता दे कि ना दे,

पर राहों पर चलते जाना हीं सफ़र-ए-ज़िंदगी है।

हम सब हैं मुसाफ़िर, मंज़िल की तलाश में।

Goodbye!

Goodbyes are only for those

who love with their eyes,

Because for those who love

with heart and soul there is

no such thing as separation.

~~Rumi

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