अपनी ज़िंदगी कब जियोगे?

लोग क्या कहेंगे?

अगर सुन रहे हो लोगों की।

तब जी रहे हो उनकी ज़िंदगी,

उनकी बातें,

उनकी ख्वाहिशें।

अपनी ज़िंदगी कब जियोगे?

नया सहर

अहम बातें

ज़िंदगी की कुछ अहम बातें है –

दिल औ दिमाग़ में ज्ञान भरने के लिए पढ़ना,

दिल औ दिमाग़ में भरे दर्द हटाने,

खाली करने के लिए लिखना।

बातों को समझने के लिए ज़िक्र औ चर्चा करना।

यादों से निकलने के लिए उनको समझना।

बातों को आत्मसात् करने के लिए पढ़ाना।

राज़-ए-दिल और दिल की बातें दिल में रखना।