हम सब कई बार टूटते और जुटते हैं। इस दौरान अपने अंदर के हम से हमारी मुलाक़ातें होतीं हैं, बातें होतीं हैं । मुस्कुरा कर मिलते रहो हर दिन अपने आप से। गुफ़्तगू करते रहो अपने आप से। वे पल, वे मुलाक़ातें बहुत कुछ सिखा और मज़बूत बना जायेंगीं।
हम सब कई बार टूटते और जुटते हैं। इस दौरान अपने अंदर के हम से हमारी मुलाक़ातें होतीं हैं, बातें होतीं हैं । मुस्कुरा कर मिलते रहो हर दिन अपने आप से। गुफ़्तगू करते रहो अपने आप से। वे पल, वे मुलाक़ातें बहुत कुछ सिखा और मज़बूत बना जायेंगीं।
इन
वो आत्मा
सपने में
मैं हूं
वही
मैं
जागरूकता के साथ
दिन के दौरान
कुछ समय के लिये
लोग
अर्थ में
मेरे में
अंदर
रास्ते में
रोजमर्रा की जिंदगी के माध्यम से
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🙏🙏🙏
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बिल्कुल सही है 👍
जब हम अपने आप को जानते हैं, समझते हैं तब ही हम अपनी आत्मशक्ति को जान पाते हैं 👌🏼👌🏼👏👏⚘😊
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धन्यवाद अनिता!
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