गुफ़्तगू अपने-आप से

हम सब कई बार टूटते और जुटते हैं। इस दौरान अपने अंदर के हम से हमारी मुलाक़ातें होतीं हैं, बातें होतीं हैं । मुस्कुरा कर मिलते रहो हर दिन अपने आप से। गुफ़्तगू करते रहो अपने आप से। वे पल, वे मुलाक़ातें बहुत कुछ सिखा और मज़बूत बना जायेंगीं।

4 thoughts on “गुफ़्तगू अपने-आप से

  1. इन
    वो आत्मा
    सपने में
    मैं हूं
    वही
    मैं
    जागरूकता के साथ
    दिन के दौरान
    कुछ समय के लिये
    लोग
    अर्थ में
    मेरे में
    अंदर
    रास्ते में
    रोजमर्रा की जिंदगी के माध्यम से

    Liked by 2 people

Leave a comment