गुफ़्तगू

तेरे जाने के बाद,

कई बार तेरी ख़ुशबू से

गुफ़्तुगू की है।

ख़्वाबों में आ कर

कई बार जगाया तुमने।

पर यह मिलना भी

कोई मिलना है?

One thought on “गुफ़्तगू

  1. से एक
    अर्धशतक
    हे ना तू
    युवा सुंदरता में
    मेरी याद में जाग्रत
    ईत्र
    तुम्हारे बालों में
    मैंने कभी छुआ नहीं
    आपके होंठ लाल और मीठे
    कि मैंने कभी चूमा नहीं
    तुम्हारी नीली आँखें
    जिसने मुझे दिल में मारा
    और अद्भुत खेल
    आपके हाथों का
    बांसुरी पर

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