जब सच्चा अक्स देखना या दिखाना हो,
तब आईना याद आता है।
पर सब भूल जाते हैं दर्पण तो छल करता है।
वह हमेशा उलटी छवि दिखाता है।
इंसानों की फितरत भी ऐसी होती है शायद ।
पर अंतर्मन….अपने मन का आंतरिक दर्पण क्या कहता है?
वह तो कभी छल नहीं करता।
Image Courtesy- Lily Sahay
You must be logged in to post a comment.