Kabir-Songs of a weaver 10

सात समंदर की मसि करौं लेखनि सब बनराइ।
धरती सब कागद करौं हरि गुण लिखा न जाइ॥

अर्थ: कबीर कहते हैं कि यदि मैं इन सातों सागर को अपनी लेखनी के स्याही की तरह और इस धरती को एक कागज़ की तरह प्रयोग करें। फिर भी श्री हरी के गुणों को लिखा जाना सम्भव नहीं है।

Even if you wear to transform, the seven oceans into Ink, The world’s trees into pens, The whole earth into paper, You couldn’t write down the list of gods excellence.

 

Kabir Granthavali.

 

प्रतिपदा का चाँद

प्रतिपदा का कमज़ोर, क्षीण चाँद

थका हारा सा अपनी

पीली अल्प सी चाँदनी ,

पलाश के आग जैसे  लाल फूलों पर

बिखेरता हुआ बोला –

बस कुछ दिनो की बात है .

मैं फिर पूर्ण  हो जाऊँगा।

मेरी चाँदी सी चाँदनी हर अोर बिखरी होगी .

 

प्रतिपदा – पक्ष की पहली तिथि।

दीवाली अौर दीये !

हमने खुद जल कर उजाला किया.

अमावास्या की अँधेरी रातों में,

 बयार से लङ-झगङ कर…

तुम्हारी ख़ुशियों के लिए सोने सी सुनहरी रोशनी से जगमगाते रहे.

और आज उसी माटी में पड़े हैं…..

उसमें शामिल होने के लिए

जहाँ से जन्म लिया था.

यह थी हमारी एक रात की ज़िंदगी.

क्या तुम अपने को जला कर ख़ुशियाँ बिखेर सकते हो?

कुछ पलों में हीं जिंदगी जी सकते हो?

  सीखना है तो यह सीखो। 

 

 

Image courtesy- Aneesh

जिंदगी के रंग- 193

हम कभी क़ैद होते है ख्वाबों, ख्वाहिशों , ख्यालों, अरमानों में।

कभी होते हैं अपने मन अौर यादों के क़ैद में।

हमारी रूह शरीर में क़ैद होती है।

क्या हम आजाद हैं?

या पूरी जिंदगी ही क़ैद की कहानी है?

 

 

शुभ दिवाली Happy Diwali – Festival of light!

अयं चातुर्मास्य कृष्ण पक्षे शरद ऋतुः आगमनः दीप महोत्सवः भवत्कृते भवत् परिवार कृते च क्षेमस्थैर्य आयुः आरोग्य ऐश्वर्य धन धान्यम् अभि वृद्घिकारकः भवतु अपि च श्री सद्गुरुकृपा प्रसादेन सकल दुःख निवृत्तिः आध्यात्मिक प्रगतिः श्रीभगवत्प्राप्तिः च भवतु इति श्री चरणयो: प्रार्थये।।
! शुभं भवंतु !
शुभ दिपावली!

From our family to yours…
May the festival of lights,bring you love, laughter, happiness and good health Happy Diwali.

May the joy, cheer, mirth and merriment of this divine festivalsurround you forever. May the happiness, that this season brings… Festive occasions fill our lives with a new charm and happiness. May this Diwali prove to the beginning of something great in your life!

दिवाली में दीये

The REKHA SAHAY Corner!

किसी ने पूछा –

दिवाली में दीये तो जला सकतें हैं ना?

ग्लोबल वार्मिंग की गरमाहट

तो नहीं बढ़ जायेगी……

नन्हा दीया हँस पङा।

अपने दोस्तों को देख बोला –

देखो इन्हें जरा…..

सारी कायनात  अपनी गलतियों से जलाने वाले

हमारी बातें कर रहें हैं।

जैसे सारी गलती हमारी है।

View original post

ज़िंदगी के रंग -192

जी लो ज़िंदगी, जैसी सामने आती है.

सबक़ लो उस से …..

क्योंकि ज़िंदगी कभी वायदे नहीं करती.

इसलिए उससे शिकायतें बेकार है.

और जिन बातों को हम बदल नहीं सकते.

उनके लिए अपने आप से शिकायतें बेकार है.

छोटी-छोटी खुशियां हीं बड़ी खुशियों में बदल जाती हैं

जैसे छोटी दिवाली….से  बड़ी दिवाली ।

शुभ छोटी दिवाली!!!