इसे इबादत कहें या डूबना?
ज़र्रे – ज़र्रे को रौशन कर
क्लांत आतिश-ए-आफ़ताब,
अपनी सुनहरी, पिघलती, बहती,
रौशन आग के साथ डूब कर
सितारों और चिराग़ों को रौशन होने का मौका दे जाता है.
अर्थ:
आफ़ताब-सूरज
आतिश – आग
इबादत-पूजा
क्लांत –थका हुआ
इसे इबादत कहें या डूबना?
ज़र्रे – ज़र्रे को रौशन कर
क्लांत आतिश-ए-आफ़ताब,
अपनी सुनहरी, पिघलती, बहती,
रौशन आग के साथ डूब कर
सितारों और चिराग़ों को रौशन होने का मौका दे जाता है.
अर्थ:
आफ़ताब-सूरज
आतिश – आग
इबादत-पूजा
क्लांत –थका हुआ
प्रतिपदा का कमज़ोर, क्षीण चाँद
थका हारा सा अपनी
पीली अल्प सी चाँदनी ,
पलाश के आग जैसे लाल फूलों पर
बिखेरता हुआ बोला –
बस कुछ दिनो की बात है .
मैं फिर पूर्ण हो जाऊँगा।
मेरी चाँदी सी चाँदनी हर अोर बिखरी होगी .
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