your true origin 

You think of yourself
as a citizen of the universe.
You think you belong 
to this world of dust and matter.
Out of this dust
you have created a personal image,
and have forgotten
about the essence of your true origin. 


― ❤  Rumi, Hush, Don’t Say Anything to God: Passionate Poems of Rumi

जिंदगी के रंग-188

अपने हों, हवा-ए-फिजा, उड़ता धुँआ या धुंध हो।

जिनके रुख का पता हीं ना हो ,

उन्हें परखने की कोशिश बेकार है ।

क्यों नहीं आज़माना  है, 

तब्सिरा….. समिक्षा करनी है अपनी? 

ईमानदारी से झाँकों अपने अंदर,

या मेरे अंदर…… .आईने ने कहा।

सारे जवाब मिल जायेंगें।

गुमान

गुमान था अपनी फोटोग्राफिक स्मृति पर,
जो देखा उसे याद रखने की फोटो स्मृति क़ाबिलीयत पर,
ना भूलने की क्षमता पर,
फिर देखा अपनी ताकत ही अपनी कमजोरी बनते।
अब लड़ रहे हैं अपने आप से
अपनी यादों से, याददाश्त से,
किसी को विदा किए पलों को,
एक दिन, इक तारीख को भूलने की कोशिश में।