आईने ने पूछा –
क्यों लिए फिरती हो मुझे साथ?
मैंने कहा –
यक़ीं है, कड़वे लोगों को बेहतरीन
ज़वाब दे ऊपरवाला थामे रहेगा मेरा हाथ।
पर भूल से भी अहंकार में ना डूब जाऊँ,
आईने में खुद को देख नज़रें झुकाऊँ,
इस कोशिश में कि मैं ख़ुद आईना बन जाऊँ।
अपने से अपनी होड़ लगाऊँ।
Interesting fact –
Stay true to yourself. As what brings
you a sense of happiness, purpose
and meaning in life is important.
आत्मा का दर्पण
मेरे भीतर के चेहरे के सामने
मेरी कड़वाहट
मैं रहूँगा
पूर्वजों द्वारा आविष्कृत देवता, मैं बना रहता हूं
मैं अपना हाथ देता हूं
एक मनुष्य
कोई भगवान नहीं
मैं रहूँगा
मेरे
मैं
है नहीं
मैं हूँ
मुझे
नहीं
कब्जा करने के लिए
मैं रहूँगा
मैं अपने लिए और दूसरों के लिए दर्पण नहीं हूं,
मैं रहूँगा
मैं अपना और दूसरों का कोई माप नहीं लेता,
मैं रहूँगा
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बहुत सुंदर |
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