तेरा अक़्स

तेरा अक़्स, मेरा अक़्स,

क्या करना है अब बात?

दिन और रात बीत गई,

बीत गई बात।

अब ना दर्द है ना ग़म,

कर दिया है जब हिसाब।

कर दिया है सबको माफ़।

अब बस है आइना-ए-ज़िंदगी।

नहीं रह गई अक्स की बंदगी।