तीखी धूप साये की याद दिलाती है
सर्द साया धूप-ए-आफ़ताब
की याद दिलाता है।
वक़्त वक़्त की बात है।
बहाव-ए-वक्त रोज़ नये सबक़ सीखता है
ज़िंदगी के नए रंग दिखाता है।
तीखी धूप साये की याद दिलाती है
सर्द साया धूप-ए-आफ़ताब
की याद दिलाता है।
वक़्त वक़्त की बात है।
बहाव-ए-वक्त रोज़ नये सबक़ सीखता है
ज़िंदगी के नए रंग दिखाता है।