शर्त-ए-ज़िंदगी

जैसे चाहो, जी लो ज़िंदगी।

वापस लौटने की नहीं है गुंजाइश,
बस इतनी है शर्त-ए-ज़िंदगी।

गोलीबारी और मरते लोग!

आगे बढ़ती दुनिया, पीछे छूटते लोग।

रोज़ अंधाधुँध गोली बारी की खबरें।

अगर यह प्रगति है, तो क्या फ़ायदा?

कहते हैं, यह है मानसिक बीमारी, डिप्रेशन।

ना जाने मन का कैसा दुःख-दर्द

लोगों की ऐसी राहों पर ले जाता है?

या है आग्नेयास्त्रों की राजनीति?

बेइनतहाँ हथियार बना और नासमझ

हाथों में है दिए थमा?

ज़वाब है क्या अनुत्तरित सवालों का?

NEWS-

*Thailand: Many children among dead

in nursery attack BBC.

*Gunmen open fire at a Mexican city

hall killing 18, including town mayor.