विजय उत्सव है दिवाली।
रावण महापंडित, शिव भक्त, नवग्रह गुलाम उसके।
उसके बल, बुद्धि, विद्या और ज्ञान पर संशय था नहीं।
फिर भी पराजित हुआ वानर सेना और राम से।
आखिर क्यों ?
यह जीत है अहंकार पर, अँधकार पर!
विजय उत्सव है दिवाली।
विजय उत्सव है दिवाली।
रावण महापंडित, शिव भक्त, नवग्रह गुलाम उसके।
उसके बल, बुद्धि, विद्या और ज्ञान पर संशय था नहीं।
फिर भी पराजित हुआ वानर सेना और राम से।
आखिर क्यों ?
यह जीत है अहंकार पर, अँधकार पर!
विजय उत्सव है दिवाली।