रावण है, इसलिये राम याद आतें हैं ! ( शुभ विजयदशमी)

सदियाँ और युग बीते,

रावण कभी नहीं मरा।

था अति विद्वान।

पर जीत नहीं सका अहंकार अपना।

विजया और रावण दहन सीख है,

जीत सको तो जीत लो अहंकार अपना।

ना रखो कई चेहरे,

दुनिया में कई चेहरे वाले कई रावण है,

इसलिये राम याद आतें हैं।

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