रूह की राहें

चराग़-ए-रहगुज़र रौशन करता है।
मुसाफिर की अँधेरी राहों को।
जब दिल में चराग़ जल उठते हैं,

रौशन करते हैं रूह की राहें को।

अर्थ –
चराग़-ए-रहगुज़र – lamp on the way

2 thoughts on “रूह की राहें

  1. अंधकार
    सूर्य के प्रकाश के पीछे
    रास्ते पर
    वहाँ मैं कहाँ
    गर्भाशय से
    खून में रोना
    जमीन पर फेंक दिया
    अंतिम प्रकाश में
    वो आत्मा
    मेरा करने के लिए
    मर रही भीतरी आँख
    मेरे अंत करने के लिए

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