बिन आईना जीते हैं ज़िंदगी

कुछ लोग बिन आईना जीते हैं ज़िंदगी।

वे भूल जातें है, ख़ुद एक आईना है ज़िंदगी।

और जब अचानक उन्हें हीं उनका चेहरा

दिखाती है आईना-ई-ज़िंदगी।

तब नहीं पाते अपने आप को पहचान,

या अपना भूला चेहरा ना चाहतें हैं पहचानना?

धूमिल, दाग़दार, मलिन अक्स।

आईना नहीं बोलता झूठ, जानते हैं सभी शख़्स

2 thoughts on “बिन आईना जीते हैं ज़िंदगी

  1. आत्मा का दर्पण
    सपने में
    वजन तौलता है
    कोई सच्चाई नहीं
    न वह झूठ को तौलती है

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