भटका दिया ज़िंदगी ने मुझे

कुछ पलों के लिए लगा,

भटका दिया ज़िंदगी ने मुझे ।

जब दिल की गहराईयों में झाँक

तब समझ आया।

ज़िंदगी ने नहीं,

जिनसे राहें पूछी थीं,

उन लोगों ने भटका दिया था।

ज़िंदगी ने तो भटके राहों पर,

अँधेरे पलों में भी

कई सबक़ सिखा दिये।

वापस सही राहों पर ला दिया।

topic

Child Rights and You- please attend (CRY ) program

Please join us for this amazing panel discussion on the theme of ‘Women of Tomorrow: Rising Against All Odds’ to be held on 5th March, 4.30 to 6.00pm. Ours is a diverse panel with representatives from corporates, journalists, an actress along with children from CRY intervention areas from all 4 regions as part of the panel. Registration link: https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdeYo6LicYqBUAxkdDcoe-C5LOdsIYPn86k3-LBBlpSE–CiA/viewform
Requesting, please also kindly spread the word so that we can have massive participation for the event.

Here’s the Zoom link that you can use: https://us02web.zoom.us/j/86944302080 Password – 12345

CRY is organising a program . They want to encourage the children specially girl child. It would be great if you all will attend this program.
If you are interested in attending this program, register yourself.
Thank you!

One of the best thing I did for myself !

I learned to live easiest existence –

With inner peace and harmony for myself.

No one is allowed to destroy our

inner peace, as no one can bring peace to us.

I learned it late, but believe me -it’s better late than never.

Topic by YouQuote – One of the best thing I did for myself !

वजूद

मेरे वजूद का एक हिस्सा

कहीं पीछे छूट गया है,

बिना क़र्ज़ अदा किए

छोड़ जानेवाले के साथ।

अपने हिस्से की जिम्मदारियों

के क़र्ज़ उतारते उतारते

ज़िंदगी में आगे बढ़ गई हूँ ।

मगर ज़िंदगी का ब्याज

ख़त्म होता नहीं।

Topic by -YourQuote

ज़िंदगी के रंग -237

दुनिया की रीत निराली है। अपनों में हीं अक्सर ग़ैर मिल जाते हैं।अपनों से हीं धोखे खाते है। लोहे का दुश्मन उसका अपना जंग होता है। नाव को डुबोता है उसके चारो तरफ़ का पानी। ज़हर को काटता है ज़हर। जंगल में आग लगाता है उसकी लकड़ी का बना माचिस। कुल्हाड़ी की लकड़ी जिनसे बनी होती है उन्हें हीं काट डालती है।पेड़ की छाया में लोग पेड़ काट डालते हैं। ग़द्दारी से देश को अंग्रेजों का ग़ुलाम देश के मीर जाफ़र हीं करते हैं। सबसे बड़ा सच तो यह है कि चक्रव्यूह अपने हीं रचते है।

एहसासों को ना क़ैद करो ना दफ़न करो दिल में। दफ़्न बातें लब पर आ हीं जाते । धुआँ ख़ाक

खामोशी से कितना है रंज-ओ-ग़म सहना ? कब तक है चुप रहना, यह समझ कर रहना। यह आदत बन जाएगी सज़ा जो औरों ने भी आदत बना ली आपके तकलीफ़ो की सीमा को ना समझने की।

अक्सर लोग चेहरे के साथ-साथ अपनी भावनाओं पर भी मास्क लगाते हैं,  अपने आप को मज़बूत दिखाने के लिए,  दूसरों के दिए चोटों से अपने को बचाने के लिए। नियंत्रण नहीं रखते हैं,
यह आपके खिलाफ हेरफेर किया जाएगा।
आपको अपने दिमाग को प्रशिक्षित करना होगा
आपकी भावनाओं से अधिक मजबूत, या
नहीं तो आप हर एक को खो देंगे
समय।

भरोसा टूटने में वक़्त लगता है। दिल को धोखे पर यक़ी करने में भी वक्त लगता है। भला है अपने लिए बदल लेना अपने को।

जिसे उम्र का नाम दे रहे हो। वह बीत गए वक्त के सबक़ और हस्ताक्षर हैं चेहरे पर।

ख़्याल गाते गाते ख़्याल आया। जब आसमान ग़लता है पिघलता है। जब लगता है सब खत्म हो गया, तब और राहें खुल जातीं हैं। यह गहरा जाता है । सच्चा प्यार कभी जाने नहीं देता

just when you think it’s over
it goes deeper
hold on
true love never let’s go

कुछ प्रिय रूहों को जीवन जंग में मज़बूत योद्धा बनाने के लिए ऊपरवाला कई परीक्षा लेता है। कई चुनौतियाँ देता है। धोखा दिला, हर सहारा हटा परखता है। जब ख़ुद पर यक़ीन औ भरोसा करना, ख़ुद से इश्क़ करना आ जाएगा, तब कायनात गुरु बन राह दिखाता है। ग़र ज़िंदगी के इम्तहान ख़त्म नहीं हो रहे तब कुदरत ने कुछ अच्छा सोंच रखा है तुम्हारे लिए।

इम्तहान में सफल होने वालों की यही

शिव रोए सती के लिए। कृष्ण रोए राधा के लिए। प्रेम

मीरा ने ज़हर पिया कान्हा के लिए। शिव ने विष पिया दुनिया के लिए। किसी ना किसी के लिए, मीरा बन किश्तों में जाम-ए-ज़हर पीतें है हम सब। फिर भी दुनिया में जीते है हम सब झेल कर विष बुझी बातों कों। ज़हर-ए-बे-हिसी पी कुछ बन जातें हैं ज़हरीले। कुछ शिव सा । ज़हर मोहरा।

He/She
Never Loved
you if they
do this to you.

आयुर्वेद के अनुसार गिलोए की लता किस पेड पर चढ रही है, उसके अनुसार गुणों का ज़िक्र है। पुराने समय मे उसे जंगल से ही प्राप्त किया जाता था, जहां वह विभिन्न पेडों पर चढी होती थी। उस समय आम तौर पर उसे घर या बाडी मे लगाते भी थे तो नीम वृक्ष पर ही चढाते थे।

Lied to you many times. Gave you mixed feelings. Blamed your overthinking. Never adjusted even a bit for you. control you. Never did any effort for you. It seems they are hiding lot.

कुछ अपने अंदर और कुछ हैं आस-पास ख़ुशियाँ। कभी मदद कारों ज़रूरतमंदों की बिन दिखावा। हँसो ज़्यादा बोलो कम। बेकार की गुफ़्तगू से निकल कुछ नया सीखो। पोज़िटिव रहो ख़ुशमिज़ाजी के लिए इतना काफ़ी है।

खुश लोगों की आदतें
दिखावा मत करो
• कम बोलो
• दैनिक जानें
• कम भाग्यशाली मदद करें
• अधिक हंसे
बकवास पर ध्यान न दें
• कोई अधिकार नहीं

स्वस्थ खाओ
दूसरों की देखभाल
• सकारात्मक बने रहें

Love facts – https://www.scoopwhoop.com/amp/psychological-facts-about-love-and-relationships/

अगर ख़ुशियाँ बाहर खोज़ रहें हैं, तारीफ़ो, मनपसंद बातें, लोगों की मुस्कुराहटों और मज़ाक़ में। कुछ समय, कुछ पल के लिए ख़ुशियाँ तो मिल जाएँगी । जब अकेले होगे, एकांत होगा, तब क्या होगा? अगर हमेशा के लिए चाहिए, तब सच्ची ख़ुशियाँ खोजनी होगी अपने अंदर।

Even a happy life cannot be without a measure of darkness, and the word happy would lose its meaning if it were not balanced by sadness.” –Carl G. Jung

चाँद अकेला, सूरज शान से अकेले हैं। इनसे कोई बराबरी कर सकता है क्या? अकेलापन या एकांत ज़िंदगी में सब अपना किरदार निभाते हैं। देखने का नज़रिया अपना-अपना है।

माज़ी, maazii , अरबी ; संज्ञा, पुल्लिंग, अतीत, भूतकाल, बीता हुआ युग , गुज़रा हुआ, गुज़श्ता, विगत

कहते है, लोग, मौसम, चेहरे, पोशाकें, रात-दिन, ज़माने , नदियों की धार, तूफ़ान अपनी राहें बदलते हैं। परिवर्तन शाश्वत नियम हैं संसार का, रचनाकार का। हम सब भी बदलते रहतें है। दुआ करें, बदतर नहीं, बेहतर बनते रहें। कभी मिलो पुराने यारों से और पूछो अपने बारे में। तब समझ आएगा। बीते वक्त के साथ हम भी बदल गए हैं।

साइकोलॉजी के अनुसार आपको चीज़ें जल्दी याद आती हैं आंखे बंद करने से

लिहाज़ और संस्कार के ख़ातिर चुप रहो। लोग कमज़ोर कह जातें हैं। भूल जातें हैं कि उनके कच्चे चिट्ठे खुल गए, तो क्या होगा?

Sometimes people need their space
They’re not cutting you off, they just
need time to breathe and take care
of themselves. That has nothing to
do with you.

ग़र किसी ने आप को अपनी दुनिया से बेदख़ल कर दिया है। तो ना आप उसे रुला सकतें है, ना हंसा सकतें हैं। ना तोड़ सकते है ना चालाकियाँ कर सकतें है किसी के साथ।

दुनिया को, लोगों को माफ़ करते करते ख़ुद को माफ़ करना भूल जातें हैं लोग। दवाब, सहनशीलता बहुत कुछ तय करती है। रेत में दफ़्न हो सब कुछ मिट्टी बन जाता है या कोयला या हीरा?

भूल कर अपराध बोध… गिल्ट होना रूह के सच्चे होने की पहचान है। वरना लोगों की कमी नहीं जो ग़लतियाँ कर ख़ुश होते हैं।

“In a conflict between the heart and the brain, follow your heart. ” Vivekanand

किसी को झुकाने की ज़िद क्यों? अगर तुम ख़ुदा….भगवान बन जाओ। हम झुक कर सज़दा कर लेंगे।

अनदेखा करने वालों को अनदेखा करना बेहतर है। ज़िंदगी के मेले में लोगों की भीड़ से, गिने-चुने अपनों का साथ बेहतर है। झूठी तोहमत लगाने वालों से, कुछ साफ़ दिल वाले बेहतर है। जब कभी अंधेरों से ज़्यादा जलते सूरज की रौशनी चुभे आँखों में, कुछ पल शीतल चाँद-सितारों की छाँव में बिताना बेहतर है।

“ग़र कोई, जो ग़लती नहीं की उसका इल्ज़ाम लगाए। दरअसल, सभी दूसरों में अपनी झलक खोजते हैं, ख़ुद को देखतें हैं। कोई उनसे अलग भी हो सकता है, मानने के लिए राज़ी नहीं।

जब पढ़ाई मुकम्मल….पूरी हुई। तसल्ली हुई, चलो सबक़ औ परीक्षाएँ तमाम हुए। तब मालूम नहीं था, असली परीक्षाएँ तो अब शुरू होंगी ज़िंदगी की। जहाँ सीखना ख़ुद हीं है और भूल होने पर सज़ा भी खुद को हीं मिलती है।

सुनहरे पल थे वे बीते लम्हे। सितारे रक़्साँ हैं मंजर

हों आधे-अधूरे या पूरे, रौशन चाँद की चाँदनी सा दमकते रहे अँधेरे में। गहनतम अँधेरे में डूब, जल्द रोशन हो जायें, चाँद सा नूर-अफ़शाँ बन। चाँद सा बन जायें।

PSYCHOLOGY – emotions affect our psychological well-being
साध लो अपने दिमाग़ और उसमें उठते विचारों और भावनाओं को। ग़र भावनायें, दिल-औ-दिमाग़ बेक़ाबू हुए, तो तुम्हें अपना ग़ुलाम बना लेंगे।





ज़िंदगी नहीं आसान, पर बातें ना दबाओ मन में। नासूर ना बनाओ मन में। सीधी सच्ची बातें रिश्ते बनाते हैं। दिल में जमा होतीं बातें कभी ना कभी ज़बान पर आ हीं जाती है, अक्सर नाराज़गी और ग़ुस्से के साथ। अपने को चलता-फिरता बम… बारूद ना बनाओ। जो खुद को अंदर अंदर सुलगे और विस्फोट होने पर कईयों को आग़ोश में ले झुलसा जाए।

Study suggests that people who curse
a lot may actually be more honest. अध्ययन से पता चलता है कि जो लोग शाप देते हैं बहुत कुछ वास्तव में अधिक ईमानदार हो सकता है।

नीला साग़र अपनी गहराइयों में कई ख़ज़ाने, कई राज़ दबाए लहराता रहता है। गहराई भरे नारी मन में भी लहरातीं हैं सागर लहरें, कई राज छुपाएँ।

तब ज़िंदगी के ख़ास सबक़ याद आतें हैं ।जब कहीं अपनों से खाए धोखे की कहानियाँ सुनी-सुनायी जातीं हैं। तब कुछ लोग ज़रूर याद आते हैं। कुछ लोग ज़िंदगी की नसीहत, कड़वे सबक़ औ कहानियाँ होतें है। यह सबक़ याद रखना भी ज़रूरी है।

PSYCHOLOGICAL FACTS
PSYCHOLOGY SAYS WHEN YOU ARE IGNORED
BY A PERSON WHOSE ATTENTION MEANS
THE MOST TO YOU, THE REACTION IN YOUR
BRAIN WILL BE SIMILAR TO PHYSICAL PAIN.

आत्मा की तपन और आग से लिखी बातें, अंतरात्मा की चमक और गरमाहट, दर्द और गर्मी को महसूस किया जा सकता है। जब दर्द व्यथा कह ना सकें, तब लिख डालना बेहतर है। दिल में तसल्ली और जीवन में क्रांति शब्दों से भी आती है। 

When I reach to you
for comfort and connection,
I need to know youll be there for me
most of the time.
That’s how I feel safe and close to you.

किवदंतियों के अनुसार शिव तांडव से संहार हुआ सृष्टि का।विध्वंस हुआ ब्रह्मांड का। आधुनिक खोज़ भी मानते हैं विध्वंस या ब्रह्मांड सिमटा हुआ था।इसमें हुए एक विस्फोट हुआ। सृष्टि शुरू हुई शिव डमरू के नाद से, स्वर-नाद से । आधुनिक शोध मानते हैं, सृजन शुरू हुआ बिग-बैंग के कम्पन से। जिसे भी सत्य मानो। पर क्या यह अद्भुत नहीं कि आधुनिक खोज़ विध्वंस और सृजन के बारे में बातें वही कर रहा है जो आध्यात्म ने युगों पहले बता दिया था। बस नाम अलग अलग हैं। आज भी वह आवाज़, बाद या कहते है इसे बिग-बैंग सिद्धांत जिससे दुनिया का अंत हु

सब से पहले ख़्याल रखो अपना। ख़ुश रखो अपने आप को। पहचानो अपने आप को। हारने ना देना कभी अपने आप को। प्रतियोगिताएँ करो आपने आप से। बेहतर होने की ख्वाहिशें अपने आप से । गुनाह होगा ग़र अपना ख़्याल ना किया। इस भरम में ना रहो कि कोई और तुम्हें तुमसे ज़्यादा चाहेगा। तुम्हें तुम से ज़्यादा कोई कैसे जान पाएगा।You won’t have a healthy
relationship with someone else,
if you have a toxic relationship
with yourself. @ Your self-love must always be
stronger than your desire to be
loved by others.

थोडी शरारत अच्छी है पर झूठे नाटक नहीं। कुछ क़तरे पानी के आँखों में जीवंतता और चमक बनाते है, ज़्यादा हो तो आँसू कहलाते हैं। प्रेम पाश प्यारा लगता है, पर बंधन नहीं।
पास -निकट BEING FIT IS
ANOTHER SIGN
OF SELF RESPECT.

चेहरे रौशन हो मुस्कुराहटों से, जैसे बादलों के पीछे से झांकता सूरज। दिल परेशान हो, उठाते कई तूफ़ान हो, फिर भी चेहरे पर मुस्कान हो। ना मालूम कितनी सच्ची हो, कितनी ज़माने के लिए रस्म अदायगी हो। कैसे जानें कि आदत है मुस्कुराने की, या आह दबी मुस्कान की चमक है

साइकोलॉजी के अनुसार इंसानों में लगभग 18 तरह के अलग-अलग मुस्कुराहट होते हैं जिनमें कई झूठे भी हो सकते हैं लेकिन केवल एक मुस्कान ऐसा होता है जो सच्चा होता है और सच्ची खुशी को दिखाता है जिसे डचेन मुस्कान कहा जाता है । इसमें हंसते वक्त आंखों के नीचे त्वचा सिमट कर ऊपर उठ जाती है ।

A Duchenne smile is the one that reaches your eyes, making the corners wrinkle up with crow’s feet. It’s the smile most of us recognize as the most authentic expression of happiness. Non-Duchenne smiles shouldn’t necessarily be considered “fake,” however. A more accurate way of describing them might be “polite.” https://www.healthline.com › health What Is a Duchenne Smile and How Can It Influence Other People? – Healthline

I no longer have the energy for
meaningless friendships,
forced interactions or
unnecessary conversations. ख्वाहिशें नहीं अर्थहीन बातें करने कीं, अफ़वाहें बनाने की। चाहत नहीं ऐसे अपनों की, जो वास्तव में ना कभी अपने थे, ना होंगे। अरमान नहीं

हम सब जल में बनते बुलबुले नहीं, जल है। अहंकार बुलबुला है।

धर्म- मन को केंद्रित करने के लिए। उपासना- वासना नियंत्रण। योग- मन की चंचलता नियंत्रण ।

अक्सर हम सब अहंकार में डूबे जीवन के किसी एक हिस्से तक सीमित रह अपने को पूर्ण मान लेते हैं। कूप मंडुक सा या किसी घट के अंदर से दिखते एक टुकड़ा आसमान को पूरा मान लेना। घट तोड़, उसके क़ैद से आज़ाद हो कर हीं पूरा आकाश दिख सकता है। अंह में भरे मन से बाहर निकलने पर पूरी दुनिया दिखती है।।

Anand ही brahm है कि यह saari srishti Anand से उत्पन्न हुई है, Anand में ही स्थित है और Anand में ही लीन हो जाएगी तैत्तिरीय उपनिषद (३/६)

युद्ध या शांति

युद्ध या शांति?

क्यों नहीं हम शांति की बातें करते है?

रचना की शक्ति नहीं,

फिर संहारक शिव क्यों बनाना?

शक्ति का ऐसा नशा क्यों?
अमेरिका ने बनाया MOAB – मदर ऑफ़ ऑल बॉम !
रुस क्यों पीछे रहेगा?
उन्होंने बना लिया FOAB – फ़ादर ऑफ़ ऑल बॉम!
नाम में जीवनदाता माता-पिता जैसे पावन शब्द,
भावना दुनिया ख़त्म करने की?

जाने और क्या-क्या बना रखा है।

दुनिया भस्म करने के लिए।

काश, समझने की कोशिश करते
सम्राट अशोक का कलिंग युद्ध विभीषिका

देख किए प्रायश्चितो को,

बौद्ध धर्म अपनाने की भावना को।

*US military’s GBU-43/B Massive Ordnance Air Blast, unofficially called “Mother of All Bombs” is also known as- “MOAB”.

*Russia’s claims “FOAB” was successfully field-tested in the late evening of 11 September 2007.

मनमौजी बयार

जिन्हें अपना पता मालूम नहीं,

वो दूसरों को राहें क्या बताएँगे?

बस थोड़ा सुकून और शीतलता

देने की कोशिश कर सकते है।

ताज़गी भरी स्वच्छंद, मनमौजी,

बहती-झूमती बयार ने कहा।

दर्द

You know too much
psychology when you
can’t get mad because you
understand everyone’s
reasons for doing
everything.

कई बार ख़ोजा लोगों में आईना, जो दिखा सके हमारा अक्स और नुक़्स।

मंज़िल की तलाश में ऊपर पहुँचने के लिए किसी को खींच कर नीचे करने की ज़रूरत नहीं। लोगों की टांगे खिंचते, दर्द पहुँचाते, कभी उनकी आँखों में झांक कर देखो। देखो दर्द और अपने लिए घृणा। इसके बाद क्या कभी आपने आप से प्यार कर पाओगे? कभी आइने में अपने आप से नज़रें मिला कर पूछो।

सिर्फ़ इक क़दम उठा था ग़लत राह-ए-शौक़ में। मंज़िल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही अब्दुल हमीद अदम

I’m so at peace, I don’t even want
any revenge. you won. just leave
me alone.

बदलते देखा समय, मौसम, दुनिया, लोग, एक बात समझ आई। सच और हक़ीक़त हो नज़र के सामने। पर बयाँ ना करो, अगर अच्छा कहलाना है। अगर हक़ीक़त बयान किया,

जुर्म का इक़रार हो

When wealth is lost, nothing is lost; when health is lost, something is lost; when character is lost, all is lost.

एक छोटी सी लौ भी अपने अंदर जलाए रखो, राहें आसान हो जाएँगी। जिस दिन स्वयं को पहचान लिया। अपना मोल जान लिया। आत्म प्रशंसा, अपने को बड़ा दिखाना

BEHIND EVERY
STRONG PERSON IS
A STORY THAT
GAVE THEM NO CHOICE.

कई बार दिल का दर्द और धोखे, दिल के दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर देते हैं। अंदर की घुटन ना बाहर निकलती है। ना बाहर किसी को दर्द समझ आता है। कभी-कभी जिंदगी में कोई ऐसा आता है जो बंद दरवाजे को खटखटाता है, खोलने की कोशिश करता है। दर्द और चोट गहरी है। तो द्वार बंद ही रहता है ।लेकिन कुछ जिद्दी खटखटाने वाले हर हालत में इस द्वार को खुलवा लेते हैं । शायद मरहम लगाने के लिए या फिर से दर्द और धोखा देने के लिए।


when the soul is pure. one write beautifully, cook testy and can do many great things in a great way. but they will have to face lots of reaction, resentment, refusal , revenge and many more negative attitudes of negative people around them.

The sign language is most intelligent but less perfect. The word language is most perfect but artificial

He didn’t like drama
and I was Shakespeare.

I still miss you but I don’t
want you back anymore.

ग़र दिल आपका नाज़ुक, कोमल और लोगों पर ऐतबार करने वाला है। तब लाज़िमी है चोटें भी बहुत आएँगी। दुनिया को रास नहीं आते ऐसे लोग। दर्द दे हर दिल को अपने जैसा बनाने वाले ढेरों है ज़माने में। क्योंकि पत्थर दिलवालों को वहम होता है कि इस दुनिया में सब उन जैसे पत्थर दिल हीं हैं।

वहम एक ज़हनी कैफ़ियत है और ख़याल-ओ-फ़िक्र का एक रवैया है जिसे यक़ीन की मुतज़ाद कैफ़ियत के तौर पर देखा जाता है। इन्सान मुसलसल ज़िंदगी के किसी न किसी मरहले में यक़ीन-ओ-वहम के दर्मियान फंसा होता है। ख़याल-ओ-फ़िक्र के ये वो इलाक़े हैं जिनसे वास्ता तो हम सब का है लेकिन हम उन्हें लफ़्ज़ की कोई सूरत नहीं दे पाते।

प्यार एक ऐसा अहसास है, जिसे जितना छुपाओ, उतना हीं उभरता हैं। जितना करो इनकार, उतना हीं बढ़ता हैं।

PSYCHOLOGY SAYS, IRONICALLY, THE
MORE YOU HIDE YOUR FEELINGS, THE
MORE THEY SHOW. THE MORE YOU DENY
THEM, THE MORE THEY GROW.

Have you ever lost all
respect for someone?
Like, you don’t hate them
but you don’t feel the need
to associate yourself or
say anything to them
anymore. क्या तुमने कभी सब खो दिया है किसी के लिए सम्मान? जैसे, आप उनसे नफरत नहीं करते लेकिन आपको इसकी जरूरत महसूस नहीं होती अपने आप को जोड़ने के लिए या उनसे कुछ भी कहो अब और।

If still there is hope and expectation,
than it’s not easy to move on.
The first step is to accept the reality,
stop expectations.
then comes the next step,
Now try to move on
although it’s not easy.
But it’s not impossible.

ज़िंदगी में कई बार हम समय के हाथों में रहतें हैं। कई सही बातें ग़लत समय पर सामने आतीं हैं। What if you meet the right person,
but at the wrong
time?

बार-बार चोट खा कर कई टूट जातें हैं। पर जो चोट खा कर भी मुस्कुराए। उनसे उलझने की गुस्ताख़ी ना करो। चोटों ने उन्हें ना टूटने वाला पाषाण…..फ़ौलाद बना दिया है। वे हर चोट के बाद अपने आप को सम्भालना सीख गए है।आघातों ने दुःसाहसी और ढीठ बना दिया है। ना रोने का ठान लिया है उन्होंने। PSYCHOLOGICALLY DAMAGED PEOPLE TEND
TO BE THE STRONGEST BECAUSE THEY
KNOW THEY CAN SURVIVE ANYTHING. PAIN
STRENGTHENS THE MIND.

We all react to trauma in different ways, experiencing a wide range of physical and emotional reactions. There is no “right” or “wrong” way to think, feel, or respond, so don’t judge your own reactions or those of other people. Your responses are NORMAL reactions to ABNORMAL events.

मेरी नई किताब – रूहानियत My latest coffee tab book- Ruhaniyat

आज महाशिवरात्रि के शुभ अवसर, मेरी नई किताब पब्लिश होने की ख़ुशी आप सबों से बाँटना है।
यह ख़ूबसूरत तस्वीरों वाली हिंदी कोट्स और कविताओं की किताब है। यह ऐमज़ान और फ्लिपकार्ट पर रेखा रानी की नाम से उपलब्ध है।

This is my latest Quotes coffee table book with beautiful illustrations. it’s available on Amazon & Flipkart. Very soon it’ll be on international platform Amazon.com too. Please search it with my official name – Rekha Rani.

शुभ शिवरात्रि- सत्यं शिवं सुन्दरम् !

कहते हैं विध्वंस के बाद दुनिया रचने

के लिए शिव ने बजाया डमरू।

जिसका नाद या स्वर, सृजन का आधार बना।

यह स्वर आज भी फ़िज़ा में गूँज रहा है।

स्वर नाद बन कर।

स्वर साधना या नाद साधना मार्ग है,

ग़र पाना है नीलकंठ, शिव को।

पाना है सत्य को, वास्तविक सौंदर्य को।

पाना हो सत्यं शिवं सुन्दरम् को।

Happy Shivratri !