जिस देश में देवताओं ने भी लिये नारी रूप।
शिव अर्धनारीश्वर बने ।
गोपी बन गोपेश्वर कहलाए।
संदेश दिया – शिवत्व पाने की राह है,
नारीत्व और पुरुषत्व गुणों का योग।
विष्णु तीन बार मोहिनी बने।
जीवन और सृजन का आधार है मातृशक्ति।
लक्ष्मी, सरस्वती, काली को पूजतें हैं,
हम शक्तिरूपा रूपा मान।
फिर ऐसे देश में क्यों मनातें हैं महिला दिवस?
उम्मीद है नर-नारी में समानता जल्दी आ जाए,
कि ना मनाना पड़े कभी महिला दिवस। !

दिलचस्प तथ्य और पौराणिक कथाएँ-
शिव – कहते हैं सृजनात्मक शक्ति विकास के लिए ब्रह्मा के अनुरोध पर शिव अर्ध नारीश्वर बने। दूसरी बार भी शिव ने नारी रूप लिया ।यह उन्होंने कृष्ण का रास देखने के लिए किया था। वृंदावन में यमुना तट पर शिव गोपी बने और गोपेश्वर कहलाए। शिव ने अर्धनारिश्वर बन बताया, हर व्यक्ति नारीत्व और पुरुषत्व दोनों गुण का योग है। जब व्यक्ति इस योग का तारतम्य और संतुलन बना लेगा , तब शिवत्व पा लेगा।
विष्णु या श्रीहरी – सर्वप्रथम श्रीहरि ने मोहिनी अवतार समुद्रमंथन के दौरान लिया। तब उनके मोहिनी के रूप पर दैत्य इतने मोहित हो गए कि वह अमृत के पीछे न भागते हुए मोहिनी के हाथों अमृत पीने की इच्छा जाहिर करने लगे। लेकिन मोहिनी अवतार में श्रीहरि ने देवों को अमृत और दानवों को सामान्य जल पिलाया।
दूसरा उदाहरण भस्मासुर का मिलता है। जब भस्मासुर को भगवान शिव ने वरदान दिया कि वह किसी पर भी हाथ रखे वो भस्म हो जाएगा। तब कुछ दिनों बाद वह देवी पार्वती पर ही मोहित हो गया। और भगवान शिव पर हाथ रखने की कोशिश करने लगा।
तब श्रीहरि ने मोहिनी अवतार लिया और भस्मासुर के समक्ष नृत्य करने की शर्त रखी और इस तरह नृत्य करते समय ही उसका हाथ उसी के सिर पर रखवा दिया। इस तरह भस्मासुर का अंत हुआ।
तीसरी बार श्रीहरी ने कृष्ण अवतार में मोहिनी बने। महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन के बेटे इरावन ने अपने पिता की जीत के लिए खुद की बलि देने का मन बनाया। बलि देने से पहले उसकी अंतिम इच्छा थी कि वह मरने से पहले शादी करना चाहता था। मगर इस शादी के लिए कोई भी लड़की तैयार नहीं थी क्योंकि शादी के तुरंत बाद उसके पति को मर जाना था।तब भगवान कृष्ण ने मोहिनी का रूप लिया और इरावन से न केवल शादी की बल्कि एक पत्नी की तरह उसे विदा करते हुए बहुत रोए।
The theme of 2022 International Women’s Day is “gender equality today for a sustainable tomorrow”.
You must be logged in to post a comment.