दिमाग़ हमेशा तर्क खोजता है क्योंकि दिमाग़ और ईगो साथी हैं।
रूह जो संदेश देता है दिल को, उसे वही भाता है
क्योंकि दिल और रूह साथी हैं।
दिल-औ-दिमाग़ के बीच जंग,
यह है दुनियावी और रूहानियत कश्मकश।
ग़र दिल-दिमाग़-आत्मा एक हो जाएँ।
जीवन का अर्थ दिखने लगेगा।
नज़रों के सामने छाया धुआँ-धुँध छँटने लगेगा।
जीवन यात्रा की लौकिक और आलौकिक राहें नज़र आने लगेंगीं।
Mind-body-soul – struggle of thoughts are actually struggle of spirituality and worldly views.