रक़्क़ासा

रक़्क़ासा, नगर वधू, नृत्यांगना कुछ भी बुला लो।

नारी का यह बाज़ार सजता है क्योंकि ख़रीदार है।

वरना नारी तो ईश्वर की सर्वोत्तम, पावन रचना है।

इतिहास गवाह है, वैशाली की राजनृत्यांगना

आम्रपाली, जिसके सौंदर्य पर मुग्ध थी दुनिया सारी,

भिक्षुणी बन त्याग दिया वैभव और दौलत।

रक़्क़ासा आम्रपाली की श्रद्धा, भक्ति, विरक्ति देख,

बुद्ध ने तोड़ दिया परम्परा धम्मसंघ में भिक्षुणियाँ

को नहीं शामिल करने की।

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कभी-कभी कुछ रिश्ते

कभी-कभी कुछ रिश्तों को

एक तरफ़ा चलाने को कोशिशें रोक दें,

तब वे रिश्ते मरने लगें।

कभी-कभी देखा है ,

कुछ बेज़ान रिश्ते ढोने से वे जी नहीं जाते।

दरअसल वे रिश्ते होते हीं नहीं।

ऐसे एक तरफ़ा रिश्ते को छोड़

आगे बढ़ जाना समझदारी है।

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