जिन्हें अपना पता मालूम नहीं,
वो दूसरों को राहें क्या बताएँगे?
बस थोड़ा सुकून और शीतलता
देने की कोशिश कर सकते है।
ताज़गी भरी स्वच्छंद, मनमौजी,
बहती-झूमती बयार ने कहा।
जिन्हें अपना पता मालूम नहीं,
वो दूसरों को राहें क्या बताएँगे?
बस थोड़ा सुकून और शीतलता
देने की कोशिश कर सकते है।
ताज़गी भरी स्वच्छंद, मनमौजी,
बहती-झूमती बयार ने कहा।
Fabulous lines, Rekhaji. You are an amazing poet. Keep writing.
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Thanks 😊
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Lovely post
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Thanks Tanvir!
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बहुत सुंदर।
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शुक्रिया।
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