कोर्सेज़

क्या स्कूल के कोर्सेज़ कुछ ऐसे नहीं होने चाहिए?

प्राइमरी की पढ़ाई में शामिल होने चाहिए,

सही और ग़लत स्पर्शों को मतलब

और अपने-आप को प्यार और सम्मान करना।

फिर दूसरों का सम्मान करना स्वयं आ जाएगा।

सेकेण्डरी में बताया जाना चाहिए –

अपने इमोशन, भावनाओं को समझना और व्यक्त करना।

मानसिक स्वास्थ्य पढ़ानी चाहिए।

ताकि ना आप दूसरों की ,

ना दूसरे आपकी भावनाओं से खिलवाड़ करें।

प्यार, मोहब्बत, इश्क़ तब करें जब कुछ बन जायें।

वरना टूटने और जुड़ने में हाँथो से वक़्त निकल जाएगा।

सिर्फ़ कुछ चोटें, कुछ दर्द साथ रह जाएगा।

गीला मन

आँसू बहाते नयन और गीला मन,
गिलाओं को बह जाने देता है।
आँसुओं से धुल दिल का दर्द

हलका हो जाता है।
ये पानी के क़तरे नहीं,

जज़्बात के आईने होतें हैं।
अश्क़ और जज़्बात दबाए रखना,
सैलाब रोकना है।
बहा दिया,
तो ज़िंदगी फिर से

ख़ूबसूरत नज़र आने लगती है।

मूल्य

ज़िंदगी को नहीं फ़िक्र, तुम कौन हो?
वह सब को एक जैसे सबक़ देती है।
कि ज़िंदगी की ख्वाहिशों को पूरा
करने के लिए मूल्य चुकाना पड़ता है।

इश्क़ तन्हाईयों से

तन्हाईयाँ ख़्वाबों तक जाने की राहें बनातीं हैं।

हौसला हो एकांत से इश्क़ करने का।

तो तन्हाईयाँ मंज़िल पाना आसान बनातीं हैं।

Positive Psychology-Philophobia or Fear of Love

Philophobia is the fear of falling in love or of becoming emotionally connected with another person. It’s like other phobias, particularly those that are social in nature. it can impact our life if not treated.

Causes – Past experiences. Traumatic past relationships Infidelity, betrayal, Cultural experiences, Fear of rejection or heartbreak can cause someone to stay away from romantic relationships.

Treatment and advices– In some cases auto suggestions, exercise, breathing exercises , Lifestyle changes, relaxation techniques, and mindfulness strategies are helpful. The professional treatment suggested are – to seek therapy, counseling or to take help of mental health professional. In some cases doctors may prescribe antidepressants or antianxiety medications .

मैं या तुम

मुझे हमेशा लगा

– यह तो मैं हूँ।

गौर किया,

तब पाया।

यह तो तुम हो,

मुझ में समाए।

सुकून भरा दिल और रूह

सुकून भरा दिल और रूह

चंद बूँदे बरसे आसमान से।

खुला आकाश फुसफुसाया कानों में।

चैन पाने के लिए चंद क़तरे हम भी बरस जाने देते हैं,

कालिमा भरे नभ से, स्वच्छ नभ पाने के लिए।

आज़ाद छोड़ दे एहसासों औ दर्द को

बरस कर बह जाने के लिए।

ग़र पाना है सुकून भरा दिल और रूह।

Psychological fact –

Normal crying is emotional cathartic. It does have a soothing and relaxing effect. When we cry, our heart rate and breathing slow down a little and we start to calm down. We might even experience a mood boost after a good cry. Crying is useful for helping people release and express their suppressed or repressed emotions.

(Dr J Chan, a clinical psychologist at the Hong Kong Psychological Counselling Centre in Mong Kok)

चाँद

चाँद, कई बार तुम आइने से लगते हो।

जिसमें अक्स झलक रहा हो अपना।

तुम्हारी तरह हीं अकेले,

अधूरे-पूरे और सुख-दुःख के सफ़र में,

दिल में कई राज़ छुपाए,

अँधेरे में दमकते,

अपने पूरे होने के आस में रौशन हैं।

लावा

धरती के दिल का दर्द जब फूट निकलता है। उबलते दर्द से पत्थर भी मोम सा पिघलता है। माणिक-पोखराज जैसे ख़ूबसूरत रंग लिए, आतशीं-लावा दमकता है। पास जाओ तो गरमाहट और आग बताती है, ज़मीं का क़तरा-क़तरा दर्द से लरज़ता है। दर्द भरा हर वजूद ऐसे हीं सुलगता है।

प्यार