रिश्तों के अहमियत
रिश्तों के अहमियत
को ना समझाने वाले
हल्की सी चोट से भी
तिलमिला उठतें है।
फिर क्यों दूसरों
पर चोट करते है?
किसी के मौन को
कमजोरी समझ कर?
रिश्तों के अहमियत
रिश्तों के अहमियत
को ना समझाने वाले
हल्की सी चोट से भी
तिलमिला उठतें है।
फिर क्यों दूसरों
पर चोट करते है?
किसी के मौन को
कमजोरी समझ कर?
अपनी ख़ुद्दारी और
आत्मसम्मान पर नाज़ करो।
झिझक नहीं।
अपने वजूद का सम्मान
ख़ुद हम नहीं करेंगे,
तब दूसरों से इज़्ज़त
पाएँगें कैसे?
अपने अहमियत को
ख़ूबसूरती से सम्भालो
तभी ज़माना अहमियत देगा।