साइकोडर्मैटोलॉजी -हमारा मन और त्वचा

हाल के अध्ययन कहते हैं – अधिकतम मामलों में त्वचा की समस्याएं भावनात्मक गड़बड़ी के कारण होने वाले शारीरिक लक्षण हैं।

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साइकोडर्मैटोलॉजी का मतलब है दिमाग की परेशानी अौर त्वचा के बीच गहरा संबंध होता है। अक्सर मानसिक तनावों, चिंता आदि के कारण त्वचा की समस्याएँ – सोरायसिस, एक्जिमा, पित्ती,  दाद, मुँहासे , त्वचा एलर्जी, कुछ प्रकार के दर्द, जलन और बालों का झड़ना आदि होता हैं।

यह साइकोसोमटिक क्षेत्र में  एक नई खोज है।  साइकोसोमटिक का मतलब है –  मानसिक परेशानी  के कारण शारीरिक बीमारी के लक्षण दिखना। यह मन और त्वचा के बीच या मानस और त्वचा के बीच का संबंध है। सरल शब्दों में कह सकते हैं –   मन और त्वचा के बीच की परेशानियों को समझ कर  मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सा तरीकों से  त्वचा  की परेशानियों का  उपचार किया जा सकता है। इसका अर्थ है मन को खुश रख कर स्वस्थ त्वचा पा सकते हैं ।

खुश रहें, स्वस्थ रहें !!! 

 

 

Psychodermatology – Wikipedia

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