वर्षा सी बरसती,
अर्ध खुली भीगी आँखों के
गीले पलकों के चिलमन से
कभी कभी दुनिया, इंद्रधनुष सी
सतरंगी दिखती है.
आँखों के खुलते ही सारे
इंद्रधनुष के रंग बिखर जाते हैं.
ख़्वाबों का पीछा करती
ज़िंदगी कुछ ऐसी हीं होतीं.

वर्षा सी बरसती,
अर्ध खुली भीगी आँखों के
गीले पलकों के चिलमन से
कभी कभी दुनिया, इंद्रधनुष सी
सतरंगी दिखती है.
आँखों के खुलते ही सारे
इंद्रधनुष के रंग बिखर जाते हैं.
ख़्वाबों का पीछा करती
ज़िंदगी कुछ ऐसी हीं होतीं.

क्या बात है
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धन्यवाद आपका.
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मैम आपके ये पोस्ट कुछ उलटे पुलटे से है। क्या आपने ऐसा किया या कोई मिस्टेक है। आप एक बार देखें।
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इस पोस्ट के linesको मैं नेalag ढंग से लिखा था. jo mobile par उल्टा पुल्टा दिख रहा है . dhyaan दिलाने ke लिए आभार है.इससे मैं ठीक कर देती हूँ.
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ये पोस्ट आपने दो बार पोस्ट किया, पहले वाला ठीक है। ये थोड़ा अव्यवस्थित
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हाँ, पहला वाला ३-४ पोस्ट के नीचे चला गया था .
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अब ठीक है।
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ओके , बताने के लिए thanks.
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