वृंदावन की वृध्द विधवायेँ – कविता  Widows of Vrindavan 

( मान्यता हैं कि वृंदावन , वाराणसी आदि में शरीर त्यागने से मोक्ष के प्राप्त होती हैं. इसलिये प्रायः इन स्थानों पर विधवायें आ कर सात्विक जीवन बसर करती हैं अौर अपने मृत्यु का इंतजार करती हैं। यहाँ इन्हें अनेकों बंधनों के बीच जीवन व्यतीत करना पड़ता हैं। इस वर्ष (2016) पहली बार होली खेलने के लिये कुछ मंदिरों ने अपने द्वार इन विधवाओं के लिये खोल दिये. )

वृंदावन और कान्हा की मुरली
सब जानते हैं।
वृंदावन की होली
सब जानते हैं।
पर वहाँ कृष्ण को याद करती
सफेदी में लिपटी विधवाओ की टोली
किसने देखी हैं ?
आज़ जब पहली बार
उन्हों ने खेली फूलों की होली।
सफेदी सज गई गुलाबो की लाली से
कहीँ बज उठी कान्हा की मुरली
उनकी उदास साँसो से।

widows of vrindavan

Source: वृंदावन की वृध्द विधवाये ( कविता )

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फ़ीनिक्स या मायापंछी ? -कविता Phoenix-poetry

In Greek mythology, phoenix   is a long-lived bird that is cyclically regenerated or reborn. Associated with the Sun, a phoenix obtains new life by arising from the ashes . may symbolize renewal

फ़ीनिक्स एक बेहद रंगीन पक्षी  होता है । जिस की चर्चा प्राचीन मिथकों व दंतकथाओं में पाया जाता है।  माना जाता है कि  वह मर कर भी राख से पुनः जी उठता है।

phoenix  1.jpg

एक लड़की भीगी आंखों वाली।

उसकी भीगी आंखें जैसे,

अोस भरी भीगी रातें हो।

थोड़ी   जिद्दी, थोङी हैरान-परेशान,

माया पंछी की तरह मायावी।

लड़ती झगड़ती दुनिया की अनुचित बातों से,

फिनिक्स

की तरह हर बार फिर से उठ जाती

पता नहीं कहां से वह शक्ति लाती

कितनी बार  राख से पुनर्जन्म लेने की काबलियत है उसकी?

हर बार, हर बार………..पर  कितनी बार……..?

कौन जाने कितनी बार??????????

 

 

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मेरा ब्लॉग -नरेटिवे ट्रांसपोटेशन या परिवहन कल्पना My Blog-Narretive Transportation


Indian Bloggers

About the name of my blog – 

     Narrative transportation theory proposes that when people lose themselves in a story  or write-up,  their attitudes and intentions change to reflect that story.

          According to Psychology this theory can be used to explain the persuasive effect of what    people read. Stories, poetry and write-ups may have a huge influence on  the readers mind .

 मेरे ब्लॉग के नाम के विषय में –

मेरे ब्लॉग का नाम नरेटिवे ट्रांसपोटेशनया परिवहन कल्पना है। यह  नाम कुछ अलग सा है। इसलिए मैं इस बारे में कुछ बातें करना चाहूंगी। कभी-कभी हम किसी रचना को पढ़ कर उसमें डूब जाते हैं। उसमें खो जाते हैं। उस में कुछ अपना सा लगने लगता है।  ऐसी कहानी या गाथा जो आप को अपने साथ बहा ले जाये। हमारा मन  उसमें ङूब जाये  । इस प्रभाव को   कथा परिवहन अनुभव  या  नरेटिवे ट्रांसपोटेशन कहते हैं।  यह एक मनोवैज्ञानिक सिद्धांत है। 

मैं चाहती हूँ कि मेरी रचनाओं को पढ़ने वाले पाठक भी ऐसा महसूस करें। इसमें हीं मेरे लेखनी की सार्थकता है। शब्दों का ऐसा मायाजाल बुनना बहुत कठिन काम है। फिर भी मैं प्रयास करती रहती हूँ। अगर मेरा यह प्रयास थोड़ा भी पसंद आए। तब बताएं जरूर। यह मेरा हौसला बढ़ाएगा।

2 Year Anniversary with Word Press मेरी खुबसूरत ब्लॉग दुनिया -कविता

 

 

मेरी ब्लॉग की दुनिया

बडी खुबसूरत , सकरात्मक

और रंगो से भरी हैं.

देश – दुनिया , रंग, जात , धर्म

की सीमा से आजाद.

ना बंधन ना विवाद.

सिर्फ मित्रों की टोली

और ज्ञान -विज्ञान

मन की बातें ,

दिल की पीडा.

जो चाहे उडेल दो.

संगी -साथी बाँट लेंगे.

मेरे ब्लॉग की दुनिया बड़ी खूबसूरत हैं.

भाषा बाधा नहीं, अभिव्यक्ति है – कविता #EnglishAttacks

Language is not a barrier but a medium of expression.


Indian Bloggers

भाषा बाधा नहीं, अभिव्यक्ति है।

वैश्विक होती दुनिया के सिमटने  से,

एक -दूसरे से बातचीत करने के लिये

एक  आम माध्यम तो चाहिये।

              कभी

एक समय था जब अँग्रजी राज में सूरज डूबता नहीं था।

तभी से उनकी भाषा ने भी  राज किया।

अँग्रेज  तो चले गये,

पर अगर आज भी हम उनकी भाषा की गुलामी

करते हैं , तब यह हमारी कमजोरी है।

  क्योंकि

भाषा कोई भी हो, चमक बोलनेवाले में होती है।

मातृभाषा से ज्यादा  मधुर कुछ भी नहीं ।

भाषा बाधा नहीं, अभिव्यक्ति है !!!!!

शब्दार्थ / word meaning

अभिव्यक्ति – medium of expression.

वैश्विक-global.

आम – common.

l

IndiSpire Topic –

Does speaking well in English add a sparkle to the personality of a person? If ‘yes’, then do you feel it is right? Share your views. #EnglishAttacks

दुनिया के धोखे

बातें करते हैं लोग बङी-बङी,

बनते है शिक्षित और बौद्धिक,

दूसरों को कहतें हैं फरेबी अौर धोखेबाज।

कुछ ने बेबसी – गरीबी से धोखा दिया।

पर उनका क्या  जो सबल – सामर्थवान-धनवान हैं?

कहतें हैं पाना मुश्किल था,

इस लिये धोख का सरल राह पकङ ली?

सभी चीजें मुश्किल  है,

पाने के बाद  हीं वे आसान होती हैं

क्या बस   धोखे की दुनिया है?

My Blog-  Narrative transportation ( A theory of psychology)    मेरा ब्लॉग -“नरेटिव ट्रांसपोटेशन ” या “परिवहन कल्पना मॉडल

Narrative transportation theory proposes the mental state,  when people lose themselves in a story.   Story receivers  transported through two main components: empathy and mental imagery.

 

मेरा ब्लॉग  नरेटिवे ट्रांसपोटेशन ” या “परिवहन कल्पना मॉडल”के नाम से है।नाम कुछ अलग सा है। इसलिए मैं इस बारे में कुछ बातें करना चाहूंगी।
कभी-कभी हम किसी रचना को पढ़ कर उसमें डूब जाते हैं। उसमें खो जाते हैं। उस में कुछ अपना सा लगने लगता है।

ऐसी कहानी या गाथा जो आप को अपने साथ बहा ले जाये। इसे “कथा परिवहन अनुभव” या “नरेटिवे ट्रांसपोटेशन कहते हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक मनः स्थिति होती है।

मैं चाहती हूँ कि मेरे रचनाओं को पढ़ने वाले पाठक भी ऐसा महसूस करें। इसमें हीं मेरे लेखनी की सार्थकता है। शब्दों का ऐसा मायाजाल बुनना बहुत कठिन काम है। फिर भी मैं प्रयास करती रहती हूँ। अगर मेरा यह प्रयास थोड़ा भी पसंद आए। तब बताएं जरूर। यह मेरा हौसला बढ़ाएगा।

 

 

Source: मेरा ब्लॉग -“नरेटिवे ट्रांसपोट ” या “परिवहन कल्पना मॉडल” ( मेरे ब्लॉग के नाम के विषय में )

 

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मेरा ब्लॉग -“नरेटिवे ट्रांसपोट ” या “परिवहन कल्पना मॉडल” ( मेरे ब्लॉग के नाम के विषय में )

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मेरा ब्लॉग –“नरेटिवे ट्रांसपोटेशन ” या “परिवहन कल्पना मॉडल” के नाम से है।नाम कुछ अलग सा है। इसलिए मैं इस बारे में कुछ बातें करना चाहूंगी।


कभी-कभी हम किसी रचना को पढ़ कर उसमें डूब जाते हैं। उसमें  खो जाते हैं। उस में कुछ अपना सा लगने लगता है।

ऐसी कहानी या गाथा जो आप को अपने साथ बहा ले जाये।  इसे “कथा परिवहन अनुभव” या “नरेटिवे ट्रांसपोटेशन कहते हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक  मनः  स्थिति होती है।

मैं चाहती हूँ कि मेरे रचनाओं को पढ़ने वाले पाठक भी ऐसा महसूस करें। इसमें हीं मेरे लेखनी की सार्थकता है। शब्दों का  ऐसा मायाजाल बुनना बहुत कठिन काम है। फिर भी मैं प्रयास करती रहती हूँ। अगर मेरा यह प्रयास थोड़ा भी पसंद आए। तब बताएं जरूर। यह मेरा हौसला  बढ़ाएगा।

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