
मौन रह कर
माफ़ कर देना,
मौन रह कर
जीवन पथ पर बढ़ जाना
सबके बस की बात नहीं।
यह होता है तब
ऊपरवाले पर भरोसा हो जब।
अलफ़ाज़ बेमानी हो जाते हैं तब।

मौन रह कर
माफ़ कर देना,
मौन रह कर
जीवन पथ पर बढ़ जाना
सबके बस की बात नहीं।
यह होता है तब
ऊपरवाले पर भरोसा हो जब।
अलफ़ाज़ बेमानी हो जाते हैं तब।

अनसुना किए जाने पर मौन हो
परखना बेहतर है।
अनदेखा किए जाने पर बातें
लिखना बेहतर है।
तब अनदेखा अनसुना करने वाले
हर बात पर गौर करने लगते हैं।
सूफी परंपरा में ईश्वर को हमेशा प्रेमी के रूप में देखा गया है. उसका दरवाजा केवल उन लोगों के लिए ही खुलता है, जो अपने-आप को उसके प्रेम में खो चुके होते हैं.
समय गूंगा नहीं
बस मौन है,
वक्त , वक्त पर बताता है,
किसका वक्त है
अौर
किसका कौन है!
Unknown
समय चक्र चलता रहता है,
अँधेरा …. अौर फिर उजाला….
कहते हैं –
अँधेरे को उजाला हराता है।
पर अक्सर लगता है –
रात के अँधेरे अनोखे…. अद्भुत…… विचार देते हैं।
शायद
मौन अंधेरा आँखों
की ताकत भी दिलो दिमाग में भर देता है।
शायद
स्वयं को देखने अौर आत्म मंथन
के हालात बना नवल -नये विचारों को जगाता है।
कभी लगता है हम शब्दों से परे हैं।
हम मौन में जीते हैं।
पर फिर लगता है,
कुछ कानों तक
हवा में घुली चीखें भी नहीं पँहुचती
फिर मौन की आवाज़
सुनने का अवकाश किसे है????
सुनाने वालों की बातें
सुन कर
मौन को बोलने दो।
क्योंकि सही जवाब तो
समय देता है।
हम अपने बोले शब्दों के गूजं अौर मौन के बीच रहते हैं
हमारे अपने विचारों से बनता है हमारी जिंदगी का आशियाना।
Image from internet.
मौन को चुप्पी ना समझें, बहुत कुछ छुपा होता है इसके अंदर, इसे समझ सकतें हैं
इसकी रहस्यमय गहराई तक झाँक कर, क्योंकि मौन की भाषा में शब्द नहीं होते ।।
Source: मौन (कविता)
Image from internet.