बहुत सी चीज़ें रख कर अक्सर भूल जातें है.
कई नाम, कई काम अक्सर भूल जातें हैं.
पर जो यादें मायूस करतीं हैं,
वे क्यों याद रहतीं हैं?
जबकि कई बातें अक्सर भूल जातें हैं.

बहुत सी चीज़ें रख कर अक्सर भूल जातें है.
कई नाम, कई काम अक्सर भूल जातें हैं.
पर जो यादें मायूस करतीं हैं,
वे क्यों याद रहतीं हैं?
जबकि कई बातें अक्सर भूल जातें हैं.

India -14 November

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Rumi ❤️
प्रकृति हमेशा तालमेल बनाये रखने की कोशिश करती है.
बशर्ते, मानव उसे बर्बाद ना करे!

distinctly two-tone mouse deer that was feared lost to science has been captured on film foraging for food by camera traps set up in a Vietnamese forest. The pictures of the rabbit-sized animal, also known as the silver-backed chevrotain, are the first to be taken in the wild and come nearly 30 years after the last confirmed sighting.

1.प्रौन – 250 ग्राम, साफ किया हुआ।
2. लहसुन पिसा हुआ – दो चम्मच।
3.धनिया और जीरा पाउडर- एक एक चम्मच। सूखा भूना।
4.लाल मिर्च पाउडर – लगभग 1 चम्मच पसंद अनुसार।
5.सूखा आटा – दो चम्मच लगभग।
6.नींबू का रस- एक से दो चम्मच।
7.चाट मसाला – एक चम्मच।
8.नमक- स्वाद अनुसार।
9.बटर स्वाद अनुसार।
10.वुडन स्कूवर – 2
11.सलाद के लिए कटे हुए – लोटो लेट्यूस, या सलाद के पत्ते, टमाटर, शिमला मिर्च और प्याज।
12. सजावट के लिए, आधा सेव पतले पतले फाकों में कटा हुआ
13. फ्रेश क्रीम या मलाई – 3चम्मच।
साफ किये और धुले हुए प्रौन में मसाले – 1-8 तक की सामग्रियां मिलाएँ ।
माइक्रोवेव में प्रौन को 5 से 10 मिनट, या अपने अनुमान से पकाएं।
माइक्रोवेव से निकालकर ठंडा होने दें।वुडन स्कूवर में प्रौन और बीच-बीच में प्याज टमाटर और शिमला मिर्च के टुकड़े लगाएं। इसे आग पर सेंकें। यह काम आप किसी जाली के ऊपर रखकर भी कर सकते हैं। ऊपर से बटर लगाएं। मलाई, नमक और चाट मसाला डालकर सलाद और सजावट के साथ परोसें।
अपने थेरेपिस्ट स्वयं बने।
Be your own therapist.
एंजाइटी मानसिक तनाव – मैं मनोविज्ञानिक को बहुत गहराई से पढ़ा और समझा है। पर हैरानी की बात है जब अपनी जिंदगी में परेशानियां आईं। तब उन्हें संभालना बहुत कठिन लगा। तब मैंने जाना, व्यक्तिगत रूप में इन्हें संभालने के लिए क्या करना चाहिए। इस पोस्ट में प्रैक्टिकल रूप से उपयोगी बातें शेयर करने जा रही हूं।
खानपान- यह हमेशा से कहा जाता रहा है कि पेट सभी बीमारियों का जड़ है . मानसिक समस्याओं जैसे एंजाइटी- तनाव में भी यह उतना ही महत्वपूर्ण है। जितना शारीरिक बीमारियों में। आपने देखा भी होगा अक्सर बेहद तनाव की स्थिति में या तो हम ज्यादा खाने लगते हैं या भूख नहीं लगती है । कभी-कभी कुछ मनचाहा खाने से अच्छा एहसास भी होता है।
नींद और आराम – एंजाइटी और तनाव सबसे पहले हमारे नींद को प्रभावित करती है। सबसे पहले अपने सोने के पैटर्न को देखें उसे सही करें। हमारे बॉडी क्लॉक कुछ इस तरह होती है कि आराम के पलों में हमारे शरीर का मेंटेनेंस होता है। अगर मन, मस्तिष्क, और शरीर को समुचित आराम मिलेगा। तब शरीर अपने आपको स्वयं ही हील करके, ठीक करने लगेगा। अगर समस्या हो तब योग निद्रा जरुर करें। इस समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं।
खानपान – एंजाइटी से बचने या संभालने के लिए ज्यादा चीनी, तला-छना भोजन, आर्टिफिशियल नमक, डिब्बाबंद भोजन और पेय पदार्थों कम से कम लेना चाहिए। इनमें शामिल प्रिजर्वेटिव अौर अन्य पदार्थ हारमोंस को प्रभावित करते हैं। ताजे फल, सब्जियां, मेवे – अखरोट, बादाम, पिस्ता, दूध, पालक, ब्लूबेरी, ओट्स, डार्क चॉकलेट, ग्रीन टी, किवी आदि खाना ऐसे में फायदेमंद होता है।
आयुर्वेद – शंखपुष्पी, भृंगराज , अश्वगंधा, जटामांसी से एंग्जायटी और तनाव कम होता है। इनसे एकाग्रता बढ़ती है और स्मरण शक्ति भी मजबूत होती है। इनका उपयोग किसी जानकार से पूछ कर ही किया जाना चाहिए।
योगा और ध्यान – आज की भागती दौड़ती दुनिया में अपने मन- मस्तिष्क को शांत और खुश रखना सबसे जरूरी है। जिसका एक उपाय ध्यान और योग है। इसे नियमित रूप से करने से बहुत फायदा होता है। अगर समय कम हो तो शुरू में 5 या 10 मिनट प्राणायाम करना भी मददगार होता है। इसका फायदा आपको जल्दी ही नजर आने लगेगा।
एक्सरसाइज और टहलना – इससे शरीर में कुछ लाभदायक हार्मोन का स्त्राव बढ़ता है। जिससे हैपी हार्मोन के नाम से जाना जाता है। जो तनाव कम करता है और सेहत में भी फायदा मिलता है।
अपने साथ समय बिताएं – कभी-कभी एकांत में बैठकर अपने बारे में सोचें। अपनी समस्याओं अौर उनके कारणों अौर उपाय के बारे में सोचें। अपने को स्वस्थ रूप में, जैसा आप दिखना चाहते हैं। उसकी कल्पना करें। इस कामना को बार बार दोहराएं। अपनी खूबियों को याद करें।
ऐसे लोगों से दूर रहें जिनकी बातों से आपको तकलीफ होती है या दुख होता है। अपनी बातों को बोलना सीखे। किसी की बात ना पसंद हो तो जताना सीखें। मन की बातों को लिखने से या किसी से बांटने से भी तकलीफ और तनाव कम होता है।


Thousands of migratory birds belonging to an estimated 15 species were found dead in Rajasthan’s Sambhar Lake over the weekend, prompting the local administration and wildlife officials to reach the spot and collect samples. However, the cause has not been ascertained as yet, officials said.
अपने ग़म की नुमाइश ना कर, अपने नसीब की आज़माइश ना कर, जो तेरा है तेरे पास ख़ुद आएगा, हर रोज़ उसे पाने की ख़्वाहिश नाकर, तक़दीर बदल जाएगी अपने आप हीं ऐ दोस्त! मुस्कुराना मुस्कुराना सीख ले, वजह की तलाश ना कर.

गुरु ग्रंथ साहिब .
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