Thousands of migratory birds belonging to an estimated 15 species were found dead in Rajasthan’s Sambhar Lake over the weekend, prompting the local administration and wildlife officials to reach the spot and collect samples. However, the cause has not been ascertained as yet, officials said.
अपने ग़म की नुमाइश ना कर, अपने नसीब की आज़माइश ना कर, जो तेरा है तेरे पास ख़ुद आएगा, हर रोज़ उसे पाने की ख़्वाहिश नाकर, तक़दीर बदल जाएगी अपने आप हीं ऐ दोस्त! मुस्कुराना मुस्कुराना सीख ले, वजह की तलाश ना कर.
कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दिवाली या देव दिवाली कहा जाता है. कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार दीपावली के 15 दिन बाद मनाया जाता है. इस दिन माता गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन काशी के सभी गंगा घाटों को दीयों की रोशनी से रौशन किया जाता है और कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे।
महाभारत के विनाशकारी युद्ध के बाद आज के दिन पांडवों ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए स्नान कर दीपदान करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की थी.
सिख सम्प्रदाय में कार्तिक पूर्णिमा का दिन प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन सिख सम्प्रदाय के संस्थापक गुरू नानक देव का जन्म हुआ था।
कहते है, कार्तिक पूर्णिमा को गोलोक के रासमण्डल में श्री कृष्ण ने श्री राधा का पूजन किया था।
मान्यता है कि, कार्तिक पूर्णिमा को ही देवी तुलसी ने पृथ्वी पर जन्म ग्रहण किया था।
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