बातें

किसी की बातों से लगता है

जैसे कोई ज़ख़्म कुरेद रहा हो.

किसी की बातों से लगता है

जैसे दुखते घाव पर

शीतल मलहम रख दिया हो.

हम इसमें से कौन से हैं ?

और इनमें से कैसे लोगों

से मिलना चाहेंगे ?

13 thoughts on “बातें

  1. लोगो का तरह तरह का व्यवहार होता है, हम लोगो को खुद से मिलना चाहिए , हम लोग खुद ही बड़े अच्छे हैं 😊

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    1. बिलकुल, शब्द तभी तक अपने हैं, जब तक बोला ना जाए . बिना सोचे समझे बोल गए शब्द तीर का काम कर करते है।

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      1. कभी मरहम की तरह, आप की इच्छा है कैसे प्रयोगे करे। बाकी कोशिश हमेशा अच्छा ही बोलने की करना चाहिए।

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