किरदार जीना है तो ऐसे जीयो.
मुट्ठी में दबी मुरझाई बेली फूल
अजनबी लगने लगी.
पर ख़ुशबू वही रूहानी
बिखेरती रही हथेलियों औ फ़िज़ा में.
किरदार जीना है तो ऐसे जीयो.
मुट्ठी में दबी मुरझाई बेली फूल
अजनबी लगने लगी.
पर ख़ुशबू वही रूहानी
बिखेरती रही हथेलियों औ फ़िज़ा में.
क्या प्रकृति हार मान गई?
या
इंसान मन मर्ज़ी करने में जीत गया ?
समाज ऐसा क्यों है ?
लड़कियों को जीवन देने में
माता-पिता डरते हैं?
कारण सामने है फिर भी
लोग इस अद्भुत घटना का कारण
खोजने की कोशिश कर रहे हैं.
I will be waiting here…. For your silence to break, For your soul to shake, For your love to wake!
Rumi ❤️