


Can teachers today be called “the untalented leftovers”? Give reasons. Eidition 280
ना जाने कितने मनीषियों अौ’ कबीर ने कहा-
“गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।”
गुरू और भगवान एक साथ हों तो किसे नमन करुँ?
– गुरू को अथवा गोबिन्द को?
ऐसी स्थिति में गुरू के श्रीचरणों में शीश झुकाना उत्तम है
जिनके कृपा रूपी प्रसाद से गोविन्द दर्शन का सौभाग्य मिला।
गुरु वह है जो ज्ञान दे –
मार्गदर्शन कर, अज्ञानता, अंधकार को भगाने वाला गुरु वंदनीय है।
प्राचीन परम्परा अनुसार गुरु मार्गदर्शक बन राह दिखाते थे।
नानक देव, त्रेलंग स्वामी, रामकृष्ण परमहंस, महर्षि रमण, स्वामी समर्थ, द्रोणाचार्य…….
पारस मणी से गुरूअों के स्पर्श से आज भी लोहा, सोने बनते देखा है।
किन्तु
आज गुरु नियुक्त होते हैं, उनकी योग्यता के आधारानुसार
यह तो है चयनकर्ता अौर व्यवस्था की देन ।
कौन गुरु बने या ना बने।
योग्य हैं या ……

जी हाँ… हमारे पास बहुतेरे उदाहरण हैं जहाँ शिक्षक बनने का एक मात्र उद्देश्य सिर्फ़ नौकरी पाना और पैसे कामना होता है I आज ज़्यादातर करके गुरु का मुख्य लक्ष्य शिष्य को सीखाना तो नहीं हीं है…लेकिन ऐसे में भी कुछ लोग हैं जो आशा जागते हैं !
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इतना हीं नहीं, व्यवस्था की ग़लतियों की वजह से भी गुरु या शिक्षक की योग्यता पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. ग़लत तरीक़े से , अयोग्य शिक्षक बने गुरुओं से क्या उम्मीद की जा सकती है ? आए दिन तो ऐसी बातें सामने आतीं रहतीं है.
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आज कल तो विद्यालयों में शिक्षक ज्ञान नहीं विद्यालक्ष्मी दे रहे है। कैसे भी कर के धन प्राप्त कर लो और पेट को पाल लो। अगर शिक्षा को व्यापार बनाया जाएगा तो ज्ञान असंभव है। क्योंकि ज्ञान तो गुरुदेव कि कृपा से होता है। ज्ञानं विना मुक्तिपदं लभ्यते गुरुभक्तितः
गुरोः समानतो नान्यत् साधनं गुरुमार्गिणाम्
शिव जी भी कहते है माँ से
मौनी वाग्मीति तत्वज्ञो द्विधाभूच्छृणु पार्वति
न कश्चिन्मौनिना लाभो लोकेऽस्मिन्भवति प्रिये
वाग्मी तूत्कटसंसारसागरोत्तारणक्षमः
यतोऽसौ संशयच्छेत्ता शास्त्रयुक्त्यनुभूतिभिः
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यही बात मैं भी कह रहीं हूँ. जो शिक्षक ग़लत तरीक़े से गुरु बने हैं या बनाए गए है. वे अयोग्य हैं. सिर्फ़ धन के पीछे भागते हैं.
पर वास्तव में गुरु वे हैं जो शिष्य को सही ज्ञान दें. उन्हें लोहा से सोना बना दें. पारस मणि जैसे हों.
इतने अच्छे संस्कृत श्लोक और विचार के लिए आभार .
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Thanks Preeti,
my email Id is- dr_rekha_rani@yahoo.com
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Please send mail on rekhasahay8@gmail.com
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Guru stands at an exalted and elevated pedestal. Guru shows the path to self realisation.
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True Abhijit ji. Thank you.
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