ईश्वर की खोज में 2 -कविता In search of GOD-Poem

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मैं

इंसानियत में बसता हूं

और लोग मुझे मजहबों में ढूंढते हैं।

Image courtesy internet.

 

 

 

ईश्वर की खोज में 1-कविता In search of GOD-Poem

Where can we go to find God if we cannot see Him in our own hearts and in every living being.

Swami Vivekananda

NEWS,   27/03/2017

1. Tamil Nadu Youth Hacked To Death For Being Atheist,

2. Wanted to attack UP dargah, Imambara and cleric before Ujjain blast, accused tells NIA.

3.22/3 London attack.

And countless other such news…………….

धर्म ना मानो तो मुश्किल,

मेरा धर्म न मानो तो भी मुश्किल,

पता नहीं गीता, रामायण, कुरान, बाइबल..

किसने कहा  भगवान अलग-अलग हैं?

लेकिन  लगता है हम उन्हें अलग करके ही मानेंगे!

क्या हम इस सीमा से आगे यह नहीं सोंच सकते हैं कि

हम इंसान हैं.

image courtesy  internet.

The moon !!

If you want the moon ,

Do not hide from the night,

If you want a rose ,

Do not run away from the thorns,

If you want to love ,

Do not hide from yourself .

~ Rumi

 

 

 

Image from internet.

मानवता – कविता #beingtrulyhuman-Poem


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साम्राज्य  छोङ बुद्ध   ने कहा-

मानवता हित अौर सेवा सबसे ऊपर

हम भूले, विश्व में फैला बुद्धत्व।

ईशु ने  दिया  विश्व शांति,  प्रेम और  सर्वधर्म   सम्मान संदेश।

कुरआन ने कहा  जहाँ मानवता वहाँ अल्लाह।

गीता का उपदेश- कर्मण्यवाधिकारस्ते मा……

– निस्वार्थ  कर्तव्य पालन करो।

कर्ण ने सर्वस्व अौर दधिची  ने किया अस्थि दान ,

कितना किसे याद है, मालूम नहीं।

मदाधं  मानवों की पशुवत पाशविकता जाती नहीं।

मानव होने के नाते, हमारे पास ज्ञान की कमी नहीं।

बस याद रखने की जरुरत है,

पर हम ङूबे हैं झगङे में – धर्म, सीमा, रंग , भाषा……..

हम ऊपरवाले की सर्वोत्तम कृति हैं !

कुछ जिम्मेदारी हमारी भी बनती है।

 

Topic of Indispire –

What would be your idea of an evolved human being? #beingtrulyhuman

 

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रावण है, इसलिये राम याद आतें हैं (कविता) #RavanVadhh


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सदियाँ अौर युग बीते,

रावण कभी नहीं मरा,

उसने अत्याचार किया, पर परस्त्री को स्पर्श नहीं।

आज के रावण तो नारी अस्मिता के भक्षक हैं।

नहीं लगाते दहेज पर विराम।

पर काली -दुर्गा कहलानेवाली के गर्भयात्रा को हीं रोक देतें हैं……….

क्यों नारी नापी जाती है मात्र रुप-रंग से,

क्यों नहीं योग्यता बौद्धिकता से?

क्यों नहीं यह माप-दंङ पुरुषों पर लागु है?

सुंदरता तो हमारे नयनों में होती है।

यह सब सौंदर्य बोध अौर नियम तो हमने बना लिया है………….

सदियाँ अौर युग बीते,

रावण कभी नहीं मरा,

रावण है, इसलिये राम याद आतें हैं।

images from internet, with thanks.

 शरद पूर्णिमा 15.10.2016

 

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आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं।  इस साल शरद पूर्णिमा 15 अक्टूबर को है। यह शरद ऋतु या जाडे के मौसम के आगमन  का   सूचक हैं.

मान्यता –

माना जाता हैं  इस रात चंद्रमा से अमृत बरसता हैं और चंद्रमा की किरणें विशेष गुणों से भरी  रहती हैं. अत  शरद पूर्णिमा की रात कई  लोग घरों की छतों पर खीर रखते हैं. अगले दिन इस खीर को  आरोग्य वर्धक प्रसाद  के रुप में खाया  जाता है।

यह भी किंवदन्ति  हैं भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात रास रचाया था .एक  मान्यता के अनुसार इस रात  लक्ष्मी जी रात्रि भ्रमण के लिये निकलती हैं.

इन सब मान्चयताओं    की वजह से इस  रात कुछ  समय चाँद  को देखना और चाँदनी में समय बिताना अच्छा माना जता हैं.|

कन्या पूजन ( कविता )


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नवरात्रि की अष्टमी तिथि ,
प्रौढ़ होते, धनवान दम्पति ,
अपनी दरिद्र काम वालियों
की पुत्रियों के चरण
अपने कर कमलों से
प्यार से प्रक्षालन कर रहे थे.

अचरज से कोई पूछ बैठा ,
यह क्या कर रहें हैं आप दोनों ?

अश्रुपूर्ण नत नयनों से कहा –
“काश, हमारी भी प्यारी संतान होती.”
सब कुछ है हमारे पास ,
बस एक यही कमी है ,

एक ठंडी आह के साथ कहा –
प्रायश्चित कर रहें है ,
आती हुई लक्ष्मी को
गर्भ से ही वापस लौटाने का.

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Source: कन्या पूजन ( कविता )

इंडोनेशिया पितृपूजा – एक विचित्र प्रथा

 

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पूर्वजों की उपासना के लिये पितृपक्ष, श्राद्ध  की परंपरा या पितृपूजा किसी न किसी रूप में प्राय हर जगह होती  है। हमारे यहाँ नव रात्री के पहले के १५ दिन पितृपक्ष कहलाता है। इस समय लोग अपने गुजरे स्वजनों को सम्मान देते हुए पितर या पितृपूजन करते हैं।

  इंडोनेशिया के  तोजारान लोगपितृपूजा को एक  महोत्सव के  रूप में मनाते हैं। वे हर तीन साल के बाद कब्र से अपने मृत रिश्तेदारों के शव को घर लाते हैं।  उनकी लाशों को साफ कर  नये कपड़े पहनाते हैं। वे परिजनों को हमेशा अपने बीच बनाये रखना चाहते है। यह वहाँ की प्राचीन पर विचित्र  परंपरा है।

 

 

I love my blog world -Poetry मेरी खुबसूरत ब्लॉग दुनिया -कविता 

I love my blog world. Its a beautiful , positive and colorful  world.  Above all , there are no man made  boundaries  and religion, We may share any thing and everything with our blogger friends.

 

globe

 

मेरी ब्लॉग की दुनिया 

बडी खुबसूरत , सकरात्मक 

और रंगो से भरी हैं.

देश – दुनिया , रंग, जात , धर्म 

की सीमा से आजाद. 

ना बंधन ना विवाद.

सिर्फ मित्रों की टोली 

और ज्ञान -विज्ञान 

मन  की बातें ,

दिल की पीडा.

जो चाहे उडेल दो.

संगी -साथी बाँट लेंगे.

मेरे ब्लॉग की दुनिया बड़ी खूबसूरत हैं.

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