आपने भी

कविताएँ है शब्द और भाव।

पहुँचती है दिलों तक तब,

जब कुछ अधूरी ख्वाहिशें कुछ बिखरी,

ज़िंदगी देखी हो आपने भी।

इनका लुत्फ़ मिलेगा तब,

जब कुछ अधुरे अरमान जाग रहे हों,

दिलों की गहराई में।

जहाँ छु सके इन्हें सिर्फ़ शब्दों की गहराइयाँ।

इनसे गुफ़्तगू हो, जुड़ाव महसूस हो।

कुछ अपना सा,

अपनी ज़िंदगी का हिस्सा सा लगे।

वरना तो कविताएँ शब्दों का बुना जाल है।

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