ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी है एक छोटी सी बिंदु।
इतनी न्यून दिखनेवाली धरा पर रहनेवाले
इंसानों का अहंकार इतना बड़ा क्यों?
7.6 अरब लोगों को नहीं दिखता कि
हम तलबगार हैं इसके? क्यो परवाह नहीं इसकी?
धरा का कोख है कूड़ा से ज़ख़्मी और
आसमाँ का सीना धुआँ से चाक।
एहसान फ़रामोशी से जो हम दे रहे जमीं को,
ग़र वही लौटाने लगे, तब जाएँगे कहाँ हम?
On April 22, Earth Day has been celebrated around the globe, annually For the past 50 years. The aim is to promoting awareness for the health of our environment.