रफ़ू रिश्ते

ग़र किसी ने दूरियाँ बना ली,

गिला करने से पहले,

झाँक कर देखो गिरेबान में अपने।

कितनी बार रिश्तों के

फटे गिरेबाँ रफ़ूगर करे रफ़ू?

थक कर समझ गया,

बेहतर है अपनी

राह-ए-मंज़िल पर बढ़ जाना।