कल तक कंकर था।
तराश कर हीरा बन गया।
कल तक कंकर था।
बहती नर्मदा में ,
तराश कर शंकर बन गया।
तराशे जाने में दर्द है,
चोट है।
पर यह अनमोल बना देता है।
कल तक कंकर था।
तराश कर हीरा बन गया।
कल तक कंकर था।
बहती नर्मदा में ,
तराश कर शंकर बन गया।
तराशे जाने में दर्द है,
चोट है।
पर यह अनमोल बना देता है।