ग़ुरूर

स्वाभिमान अच्छा है

ग़ुरूर नहीं।

कितने हिचक के बाद

माँगते हैं लोग मदद,

अपनी ख़ुद्दारी दरकिनार कर।

मदद ना करो तो है अच्छा,

मदद कर याद दिलाने से।

स्वाभिमान अच्छा है,

ग़ुरूर दिखाने से।

भरोसा

ज़िंदगी की हर जंग में,

हर महाभारत में आश्वस्त हैं।

क्योंकि जीवन के

हर सैलाब में तुम्हें साथ

ले कर चल रहें हैं।

भरोसा है,

जब तुमने जंग दिया है

तो जय दिलाने सारथी

बन तुम आओगे हीं।