वहम

कुछ लोगों को लगता है,

वे हमेशा सही हैं।

उनसे सही दूरी

बनाए रखनी चाहिए।

क्योंकि ऐसे लोग

अपने वहम में ज़िंदगी

से कुछ सीखते ही नहीं।

11 thoughts on “वहम

  1. लोग क्या सोचते हैं या नहीं
    मैं यह नहीं जान सकता

    सही और गलत के बीच
    बुरा और अच्छा
    मैं दूसरों का जज नहीं हूं

    मैं सीखने की कोशिश करता हूँ
    क्या
    वो आत्मा
    सपने में
    मुझसे कहता है

    अधिकार नहीं
    एक निर्णय
    दूसरों के बारे में दावा करने के लिए
    हर दिन बेहतर करने की कोशिश करें

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  2. बिल्कुल ठीक कहा रेखा जीआपने। ऐसे लोगों से दूरी ही रखनी चाहिए लेकिन यदि निकट का संबंध हो तो यह संभव नहीं होता। इसके अतिरिक्त कई ऐसे व्यक्ति अपने (भौतिक एवं व्यावहारिक) जीवन में बहुत सफल होते हैं तथा उनकी सफलता ही उनके अपनी त्रुटियों को पहचानने एवं सुधारने के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा सिद्ध होती है क्योंकि उनकी यह धारणा बन जाती है कि जब वे सफल हैं तो ग़लत कैसे हो सकते हैं। आत्मालोचन से ही तो आत्म-सुधार हो सकता है। और ज़िन्दगी का सच यही है कि जिसे ठोकर लगती है, वही कुछ सीख पाता है; जिस ख़ुशकिस्मत को कभी कहीं ठोकर ही न लगे, वो क्या सीखे और कैसे सीखे?

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    1. मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूँ जितेंद्र जी। लेकिन कुछ धोखे खाने के बाद मैंने महसूस किया कि ऐसे लोगों से सम्बंध निभाना अंत में बड़ा महँगा पड़ता है ।
      आपके विचारों के लिए आभार!

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