ना दूरी ना नज़दीकी
रिश्ते बनाती या बिगड़ती है।
वह तो सरसब्ज़ ….सदाबहार
प्रीत और चाहत होती है।
राधा पास थी,
पर अपनी बनी नहीं।
मीरा सदियों दूर थी,
पर कान्हा उनके अपने थे।
ना दूरी ना नज़दीकी
रिश्ते बनाती या बिगड़ती है।
वह तो सरसब्ज़ ….सदाबहार
प्रीत और चाहत होती है।
राधा पास थी,
पर अपनी बनी नहीं।
मीरा सदियों दूर थी,
पर कान्हा उनके अपने थे।