जो बनते रहें हैं अपने.
कहते हैं पहचान नहीं पाए तुम्हें !
आँखों पर गुमान की पट्टी ऐसी हीं होती है.
अच्छा है अगर लोंग पहले पहचान लें ख़ुद को।
ज़िंदगी के राहों में,
हम ने बख़ूबी पहचान लिया इन्हें!
जो बनते रहें हैं अपने.
कहते हैं पहचान नहीं पाए तुम्हें !
आँखों पर गुमान की पट्टी ऐसी हीं होती है.
अच्छा है अगर लोंग पहले पहचान लें ख़ुद को।
ज़िंदगी के राहों में,
हम ने बख़ूबी पहचान लिया इन्हें!
#CoronaLockdownDay – 131
– Buddha